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भारतीय परंपरा की ओर आईआईटी, नहीं दिखेगें कोट सूट

भारतीय परंपरा की ओर आईआईटी, नहीं दिखेगें कोट सूट
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कानपुर। अमेरिका व इंगलैण्ड जैसे उच्च तकनीक वाले देशों में तकनीकी शिक्षा में भारत का नाम रोशन करने वाले कानपुर आईआईटी ने कोट सूट को टाटा- बॉय कर दिया। इसकी जगह दीक्षांत समारोह में यहां के मेधावी भारतीय परिधान का कुर्ता, पायजामा व स्टॉल पहनकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ायेगें। यह आईआइटी के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है।

आईआईटी कानपुर 15 व 16 जून को अपना 50वां दीक्षांत समारोह का आयोजन करने जा रहा है। इसकी तैयारियां इन दिनों तेजी से चल रहीं है। आईआईटी प्रबंधन अपने 50वें दीक्षांत समारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए दिन रात एक हुये है। तो वहीं इस बार उपाधि लेने के दौरान पहनने वाले गाउन में हुए बदलाव को लेकर यहां के छात्र भी प्रफुल्लित हैं। निदेशक इन्द्रनील मन्ना व डीन ऑफ एकेडमिक अफेयर डा. नीरज मिश्रा ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर बताया कि दीक्षांत समारोह में 1502 छात्रों को डिग्री दी जाएंगी। यह दीक्षांत समारोह आईआईटी के लिए खास है। 50 साल पूरे होने के साथ पहली बार छात्र डिग्री लेने ब्रिट्रिस कल्चर के गाउन में नहीं बल्कि कुर्ता-पायजामा व उत्तरीय में आएंगे। दो दिन चलने वाले दीक्षांत समारोह के पहले दिन के मुख्य अतिथि नटराजन चन्द्रशेखरन होंगे और दूसरे दिन के मुख्य अतिथि डॉ. क्लेटन डेनियल मोटे होंगे। इसके लिए 14 जून को छात्र व शिक्षक रिहर्सल करेंगे।

इस बार 1754 छात्र-छात्राओं को डिग्री दी जाएगी। इसमें पीएचडी के 160, मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी के 481, बैचलर डिग्री के 809, मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के 34, मास्टर ऑफ डिजाइन के 24, मास्टर ऑफ साइंस के 67, बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी के 673 व बैचलर ऑफ साइंस के 136 छात्र-छात्राओं को डिग्री दी जाएगी। कुर्ता पायजामा का रंग सफेद रहेगा और ट्रेड के अनुसार स्टाल का रंग अलग-अलग होगा। दीक्षांत समारोह में आईआईटी के छात्र ही नहीं कार्यक्रम में भाग लेने वाले स्टॉफ के लोग भी भारतीय परिधान में दिखेगें कहा कि प्रोफेसर अपने कोट सूट के ऊपर केसरिया सुनहरे रंगा विशेष गाउन पहनेगें जो कोट सूट को पूरी तरह से ढक लेगा। बताया कि पहले दिन के मुख्य अतिथि टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चन्द्रशेखरन होंगे। दूसरे दिन मुख्य अतिथि नेशनल एकेडमिक ऑफ इंजीनियरिंग, यूएसए के प्रेसिडेंट डॉ. क्लेटन डेनियल मोटे होंगे। बताया कि संस्थान के कुलाध्यक्ष (भारत के राष्ट्रपति) की संस्तुति पर पीटी ऊषा, प्रो. अजय कुमार सूद, प्रो. मृगांक सूर, प्रो. एमएस स्वामीनाथन को विज्ञान वाचस्पति (डाक्टर ऑफ साइंस) की मानद् उपाधि प्रदान की जाएगी।

Updated : 14 Jun 2017 12:00 AM GMT
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