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फर्जी मीसा बंदियों और सहयोगियों पर होगी कार्रवाई

फर्जी मीसा बंदियों और सहयोगियों पर होगी कार्रवाई
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लोकतंत्र सेनानी संघ के प्रदेश अध्यक्ष तपन भौमिक ने जिलाधीश को दी जानकारी

ग्वालियर। ग्वालियर में फर्जी मीसा बंदी बनकर 25 हजार रुपए मासिक सम्मान निधि प्राप्त करने वालों और इन्हें मीसा बंदी बनाने के लिए झूंठा शपथ पत्र देने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में प्रकाशित समाचारों एवं संगठन के स्थानीय पदाधिकारियों द्वारा इसकी पुष्टि किए जाने तथा जांच के बाद राशि वसूली के साथ सख्त कार्रवाई की बात लोकतंत्र सेनानी संघ के प्रदेश अध्यक्ष तपन भौमिक ने कही है। श्री भौमिक विगत दिवस श्रम दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने ग्वालियर आए थे।


श्री भौमिक ने इस संबंध में जिलाधीश डॉ. संजय गोयल से भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने जिलाधीश को बताया कि जिन लोगों ने झूठे शपथ-पत्र देकर प्रमाणीकरण कर अपात्र लोगों को सम्मान निधि का पात्र बनाया है तथा संबधित लोगों को अभी तक जितनी राशि का भुगतान किया गया है, उस सम्पूर्ण शासकीय धनराशि की वसूली प्रमाणीकरणकर्ता से की जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अभी 106 जो नए प्रकरण आए हैं, उन्हें संगठन के द्वारा प्रमाणीकरण होने के बाद ही स्वीकृत किया जाए। श्री भौमिक ने संगठन के दो पदाधिकारियों को इस काम के लिए अधिकृत कर तत्काल जिलाधीश ग्वालियर से संपर्क करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि आपातकाल (26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक) में सामाजिक एवं राजनैतिक कारणों से मीसा एवं डीआईआर में निरुद्ध रहने संबंधी जेल, पुलिस अथवा जिला प्रशासन के अभिलेखों में जिन लोगों का अभिलेख उपलब्ध था, उन्हें मध्यप्रदेश सरकार ने 20 जून 2008 से सम्मान निधि की पात्रता प्रदान की थी, लेकिन प्रदेश में अपवाद स्वरूप चुनिंदा लोगों का निरुद्ध रहने संबंधी अभिलेख ना मिलने के कारण समस्या के समाधान की दिशा में कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार द्वारा आदेश दिनांक 4 जनवरी 2012 द्वारा राज्य के सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए थे कि (नियम 4.1) जहां जेल, पुलिस तथा जिला मजिस्ट्रेट का निरुद्ध संबंधी रिकार्ड उपलब्ध नहीं है, उन प्रकरणों में आवेदक के साथ जेल में निरुद्ध रहे किन्ही दो मीसा/डीआईआर के अधीन राजनैतिक एवं सामाजिक कारणों से निरुद्ध व्यक्तियों के शपथ-पत्र/प्रमाणीकरण को मान्यता दी जाए तथा शपथ-पत्र में प्रमाणीकरणकर्ता द्वारा घोषणा की जाएगी कि वे व्यक्तिगत ज्ञान एवं स्मृति के आधार पर यह प्रमाणीकरण कर रहे हैं। इस प्रमाणीकरण के असत्य होने के वैधानिक परिणामों से वे अवगत हैं। इस नियम का सहारा लेकर ग्वालियर में कई अपात्र लोगों को सम्मान निधि का पात्र बनाकर शासन को अभी तक करोड़ों रुपए का चुना लगाया जा चुका है। ग्वालियर जिलाधीश कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक 31 दिसम्बर 2016 तक जिले में 236 प्रकरण स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से केवल 89 प्रकरण जेल में निरुद्ध रहने संबंधी अभिलेखों पर आधारित हैं, जबकि शेष 147 प्रकरण केवल शपथ पत्र के प्रमाणीकरण के आधार पर स्वीकृत किए गए हैं।

स्मार्ट सिटी केवल कागजी घोड़े- अति सुन्दर सिंह
ग्वालियर। कांग्रेस नेता अति सुन्दर सिंह एडवोकेट ने नगर निगम के पूर्व अपर आयुक्त एमएल दौलतानी द्वारा फेसबुक पर स्मार्ट सिटी योजना पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि श्री दौलतानी कर्मठ एवं ईमानदार अधिकारी रहे हैं, और उन्होंने अपने बयान में स्मार्ट सिटी योजना को केवल कागजी घोड़े करार दिया है, जो बयान स्वागत योग्य होकर सत्यता पर आधारित है।

जल उपभोक्ता संस्थाओं के मतदान 21 को
ग्वालियर जिले की 14 जल उपभोक्ता संस्थाओं के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के सदस्य हेतु निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संजय गोयल के अनुसार मतदान 21 मई को कराया जाएगा। शांतिपूर्ण मतदान के लिए कलेक्टर द्वारा अधिकारियों को दायित्व सौंपे गए हैं। जल उपभोक्ता संस्थाओं के निर्वाचन की प्रक्रिया के अंतर्गत नाम निर्देशन पत्र भरने की प्रक्रिया एक मई से प्रारंभ हो गई है।



नाम निर्देशन पत्रों की जांच 6 मई को, नाम वापसी की तारीख 9 मई को अपरान्ह 3 बजे तक निर्धारित की गई है। मतदान 21 मई को प्रात: 8 से दोपहर 2 बजे तक कराया जाएगा। मतों की गणना भी संबंधित मतदान केन्द्र पर भी होगी। लेकिन मतों के परिणाम की घोषणा 23 मई को की जाएगी।

Updated : 3 May 2017 12:00 AM GMT
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