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भागीरथ की पिटाई के बाद आरटीओ कार्यालय में भय का माहौल, समय से पहले कुर्सियां छोड़ भागे भयभीत बाबू

भागीरथ की पिटाई के बाद आरटीओ कार्यालय में भय का माहौल, समय से पहले कुर्सियां छोड़ भागे भयभीत बाबू
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ग्वालियर| क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय की परमिट शाखा में बस आॅपरेटर द्वारा सप्ताह में दो बार तोड़फोड़ और बुधवार की शाम दलाल के साथ मारपीट किए जाने के बाद आरटीओ कार्यालय में भय का माहौल व्याप्त है। गुरूवार को आरटीओ कार्यालय की विभिन्न शाखाओं की कुर्सियां अधिकांश समय खाली दिखाई दीं। मारपीट के इस घटनाक्रम से पहले प्रतिदिन देर रात तक कार्यालय में बैठकर दलालों के साथ गपशप और सौदेबाजी करने वाले कार्यालय के बाबू गुरुवार को 5:30 बजे से पहले ही उठकर भाग गए। हालांकि आरटीओ कार्यालय में सक्रिय दलाल शाम छह बजे तक बाबुओं की कुर्सियों पर बैठे नजर आए।

उल्लेखनीय है कि आरटीओ कार्यालय की परमिट शाखा के प्रभारी अजय भारद्वाज द्वारा परमिट संबंधी कार्य के लिए दलाली का आरोप लगाते हुए कार्यालय में पहुंचे बस संचालक राघवेन्द्र तोमर ने विगत 11 मई को परमिट शाखा में पहुंचकर शाखा प्रभारी अजय भारद्वाज को गाली-गलौच करते हुए तोड़फोड़ कर दी थी। इस घटना के अगले ही दिन कार्यालय में दलालों और कर्मचारियों को अंदर नहीं घुसने दिया। हालांकि भयभीत परमिट शाखा प्रभारी अजय भारद्वाज इस घटना के बाद छुट्टी लेकर घर बैठ गया है। बुधवार की शाम शाखा प्रभारी अजय भारद्वाज के कार्यालय में पहुंचने की सूचना जैसे ही राघवेन्द्र तोमर को लगी वह दो गाड़ियों में अपने साथियों के साथ पहुंचा और कार्यालय में अजय भारद्वाज के नहीं मिलने पर जमकर गाली गालौच की। इस दौरान पंजीयन शाखा में सक्रिय दलाल भागीरथ ने राघवेन्द्र तोमर के गले में हाथ डालकर अजय भारद्वाज से समझौता कराने की बात कही तो राघवेन्द्र के साथी भड़क गए और दलाल भागीरथ को जमीन पर पटककर जमकर ठुकाई कर दी। खास बात यह रही कि इन दोनों ही घटनाक्रमों की पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराने की हिम्मत न तो पीड़ितों और बाबुओं ने दिखाई और न ही आरटीओ और वरिष्ठ अधिकारियों ने इसके लिए प्रयास किए।

दबंग के सामने गिड़गिड़ाया बाबू आरटीओ ने कराया समझौता
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय की परमिट शाखा के बाबू की दबंगई से दलाली की चाहत आखिर पूरी नहीं हो सकी। हालात यहां तक बन गए कि बाबूजी को दबंग से उल्टे पैर पकड़कर माफी मांगनी पड़ी। बताया जा रहा है कि दबंग बस आॅपरेटर की फाइल को अटका रहे बाबू अजय भारद्वाज को खोजता हुआ बस आॅपरेटर सप्ताहभर से घूम रहा था। बचते फिर रहे बाबू अजय भारद्वाज को आखिर आरटीओ की शरण में पहुंचना पड़ा। आरटीओ एसपीएस चौहान ने रिश्तेदार दबंग बस आॅपरेटर से बात कर बाबू से समझौता करा दिया। सूत्र बताते हैं कि बाबू अजय भारद्वाज ने गिड़गिड़ाते हुए बस आॅपरेटर से माफी मांगी तथा भविष्य में उसकी फाइल तुरंत पास कराने की बात कही। इसके बाद ही दबंग बस आॅपरेटर ने बाबू को माफ किया।

Updated : 19 May 2017 12:00 AM GMT
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