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मंडल के औद्योगिक विकास हेतु उप मुख्यमंत्री ने गठित की कमेटी

एडीएफ के सुझाव पर पांच मंत्रियों का समूह करेगा अध्ययन
आगरा। मण्डल के विकास हेतु शासन स्तर पर उद्योग बंधुओं के गठन के उपरांत भी उद्योग जगत की समस्याऐं जस की तस बनी हुई हैं। इन समस्याओं के निराकरण के लिए उद्योग बंधुओं को प्रभावी किया जाना अति आवश्यक है। जिसके लिए प्रक्रियात्मक सुधार और शासन की मॉनिटरिंग आवश्यक है। यह सुझाव आगरा डवलपमेन्ट फाउण्डेशन (एडीएफ) द्वारा प्रदेश में उद्योगों के विकास के लिए उप मुख्यमंत्री उप्र दिनेश शर्मा को प्रेषित किए गए हैं। उप मुख्यमंत्री ने भी विषय का संज्ञान लेते हुए तुरंत ही एक कमेंटी गठित कर दी है। जिसमें पांच मंत्रियों का समूह आगरा मंडल में औद्यौगिक विकास व उद्योग बंधुओं की समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास करेगा।

एडीएफ सचिव केसी जैन ने शुकवार को स्वदेश को जानकारी दी कि संस्था ने मुख्यमंत्री को स्टेक होल्डर्स एवं उद्यमियों से समय-समय पर वार्ता, श्रम कानूनों का राजस्थान की तर्ज पर संशोधन करना, औद्योगिक इकाईयों पर सम्पत्ति कर न लेने, उद्योगों को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से औद्योगिक इकाईयों को सम्पत्ति कर, जल कर, सीवर कर से मुक्त रखे जाने और ऐसा संशोधन उप्र नगर निगम अधिनियम, 1959 व उसके अंतर्गत बनी सम्पत्ति कर नियमावली में किया जाना समीचीन है सुझाव भेजें हैं। साथ ही मंडल के प्रत्येक महानगर के लिए तीन लीड इंडस्ट्री चिंन्हांकित करने के अलावा क्लस्टर डवलपमेन्ट के लिए विशेष योजना, गारमेन्ट मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा दिए जाने और औद्योगिक भूमि सस्ती दरों पर सुगमता से उद्यमियों को उपलब्ध हो आदि सुझाव प्रेषित किए हैं।


हमें उम्मींद है कि उप्र सरकार मंडल के विकास हेतु सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएगी। एडीएफ मानता है कि निजी क्षेत्र द्वारा यदि औद्योगिक आस्थान विकसित किये जाये ंतो उप्र नगर विकास एवं नियोजन अधिनियम, 1973 के अंतर्गत देय विकास शुल्क, मानचित्र शुल्क, निरीक्षण शुल्क, भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क आदि को ना लिया जाये ताकि कम दरों पर विकसित औद्योगिक भूमि उपलब्ध हो सके। साथ ही निर्मित औद्योगिक शेड्स को किराये पर दिया जाना चाहिए।
केसी जैन, सचिव, एडीएफ

Updated : 15 April 2017 12:00 AM GMT
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