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रेलवे के खाने पर ‘निजी’ का जाल

रेलवे के खाने पर ‘निजी’ का जाल
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स्टेशन आने व ट्रेन में चढ़ने का निजी वेंडर्स के पास नहीं है अधिकार

ग्वालियर|
ग्वालियर रेलवे में चल रहे ई- कैटरिंग के नाम पर चल रहे खेल में एक और बड़ा मामला सामने आया है। आईआरसीटीसी की ओर से अधिकृत निजी रेस्टोरेंट यात्रियों की मांग पर दोपहर या रात्रि का भोजन तो बुक कर लेते हैं। लेकिन उनके वेंडर ट्रेन में खाना पहुंचाने के लिए वैध नहीं हैं। बावजूद इसके अवैध वेंडिंग का यह खेल ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर धड़ल्ले से चल रहा है। हालांकि रेलवे अधिकारियों व आरपीएफ द्वारा इन वेंडरों की धरपकड़ कर खाना भी जब्त किया था लेकिन उसके बाद भी इन पर कोई लगाम नहीं लग पा रही है।

अवैध रूप से ट्रेन में खाना पहुंचाने वाले होटलों- रेस्टारेंट पर अंकुश लगाने के लिए आईआरसीटीसी ने एक साल पहले ई- कैटरिंग सेवा शुरू की थी। इसमें यात्री टोल फ्री नंबर पर आॅनलाइन दोपहर या रात्रि का भोजन बुक कर सकते हैं। बुकिंग होने पर निर्धारित स्टेशन पहुंचने के बाद निजी वेंडर ट्रेन में खाना पहुंचा देता था। लेकिन इन वेंडरों के पास ट्रेन में खाने की सप्लाई देने के लिए कोई अधिकार पत्र नहीं होता है।

यात्रियों के लिए हो सकता है बड़ा खतरा
*बिना अधिकार पत्र के यात्रियों के लिए बड़ा खतरा हो सकता है क्योंकि अवैध वेंडर यात्रियों को किसी भी तरह का खाना दे सकते हैं।
*रेलवे को भी हर महीने इस अवैध वेंडिंग से भारी चपत लग रही है। ऐसे में यात्रियों को सावधान रहने की जरुरत है।
*भोजन देते समय पैकेट लाने वाले वेंडर का पहचान पत्र यात्री जरूर देख लें।

यह है नियम
रेलवे के नियमानुसार पैंट्रीकार वाली ट्रेनों में बाहरी कैटरिंग कंपनियों के वेंडरों को ट्रेन के अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई है। इसीलिए स्टेशन पर ट्रेन के रुकते ही यात्रियों को गेट तक डिलीवरी लेने खुद पहुंचना होता है।

ऐसे कर सकते हैं आॅर्डर
भोजन का आर्डर आईआरसीटीसी की वेबसाइट या फिर फूड आॅन ट्रैक मोबाइल एप पर यात्री दे सकेंगे। अन्य किसी भी प्रकार से खाना बुक करने या खरीदने पर रेलवे यह सुविधा नहीं देगी।

Updated : 17 Feb 2017 12:00 AM GMT
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