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मुझे हटाने से पहले केंद्र से सलाह क्यों नहीं ली

मुझे हटाने से पहले केंद्र से सलाह क्यों नहीं ली
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-विदिशा मुखर्जी पहुंची हाईकोर्ट, अगली सुनवाई 7 दिसंबर को

ग्वालियर।
हजारों करोड़ों रुपए की स्मार्ट सिटी योजना में राज्यशासन द्वारा विदिशा मुखर्जी को सीईओ पद से हटाने का मामला उच्च न्यायालय जा पहुंचा है। इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य शासन से जवाब तलब कर अगली सुनवाई की 7 दिसंबर तय की है। यह याचिका विदिशा मुखर्जी ने लगाते हुए कहा है कि स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट केन्द्र सरकार का है।

इस प्रोजेक्ट पर सीईओ की नियुक्ति करने से पहले राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से अनुमति लेना होती है और हटाने से पहले भी। लेकिन मुझे स्मार्ट सिटी के सीईओ पद से हटाने पर राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से अनुमति नही ली लिहाजा हमारा हटाया जाना नियम विरुद्ध है। इस आशय की याचिका स्मार्ट सिटी की पूर्व सीईओ विदिशा मुखर्जी ने उच्च न्यायालय में राज्य शासन के खिलाफ लगाई है। याचिका में विदिशा मुखर्जी ने कहा है कि स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट के न्द्र सरकार का है तथा इस स्कीम में स्पष्ट लिखा है कि इसके सीईओ की नियुक्ति भले ही राज्य सरकार को करना है लेकिन उसके लिए उसे केन्द्र सरकार से अनुमति लेना होती है। यही अनुमति तब लेना होती है जब सीईओ को पद से हटाया जाता है लेकिन उनके मामल में ऐसा नहीं हुआ है तथा केन्द्र से अनुमति लिए बगैर राज्य शासन ने उनको स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट के सीईओ पद से हटा दिया है जो कि सरासर नियमों का उलंघन है तथा उनको हटाया जाना नियम विरुद्ध है। अधिवक्ता आरबीएस तोमर ने बताया कि इस याचिका को लेकर राज्य शासन के शहरी प्रशासन को भी नोटिस भेजकर जवाब तलब किया गया है वहीं शासन के वकील विवेक खेड़कर से भी 7 दिसंबर तक जवाब पेश करने का आदेश न्यायालय ने दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को की जाएगी।

Updated : 2 Dec 2017 12:00 AM GMT
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