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हजीरा में मौत बनकर दौड़ रहे हैं भारी वाहन

हजीरा में मौत बनकर दौड़ रहे हैं भारी वाहन
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-रिश्वत और कमीशन के फेर में मौन पुलिस और प्रशासन
ग्वालियर। ग्वालियर शहर के व्यापारियों के माल को शहर में उतारने के लिए जहां रात में भी भारी वाहनों के शहर में प्रवेश को रोका जा रहा है। वहीं शहर में तानसेन रोड, हजीरा, पड़ाव आदि क्षेत्रों में दिन-रात भारी वाहन सरपट दौड़ रहे हैं। खास बात यह है कि आवश्यक सामग्री के परिवहन के नाम पर जहां दर्जनों सीमेंट, कोयला आदि से भरे ट्रकों को अवैध रूप से अनुमति दे दी गई है। वहीं दर्जनों वाहनों को पुलिस कर्मियों द्वारा रिश्वत लेकर निकाला जा रहा है। खास बात यह है कि यह वाहन वरिष्ठ अधिकारियों के सामने से भी कोयले और सीमेंट की धूल उड़ाते निकल जाते हैं। लेकिन अधिकारियों के पास इतना समय नहीं होता कि वह इन वाहनों की वैधानिकता के दस्तावेज जांच कर इन पर कार्रवाई कर सकें।

उल्लेखनीय है कि रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्र. 4 पर स्थित माल गोदामों में उतरने वाले कोयले, सीमेंट, खाद, सब्जियों, सहित निजी एवं शासकीय स्तर पर मंगाए जाने वाले खाद्यान्न आदि सामान के रैक उतरते हैं। शासकीय गोदामों में रखी जाने वाली वह सामग्री जिसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए उपयोग किया जाना है तथा शीघ्र गोदामों अथवा गंतव्य तक पहुंचाना आवश्यक होता है। ऐसे वाहनों को यातायात पुलिस द्वारा स्थानीय एसडीएम अथवा एडीएम की अनुमति मिलने के बाद दिन में निकलने की अनुमति दी जाती है। रेलवे स्टेशन के माल गोदामों से निकलने वाले गिने-चुने वाहन ऐसे हैं जिन्हें वैधानिक रूप से अनुमति दी गई है। लेकिन अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी कई ऐसे वाहनों को दिन में निकलने का अनुमति पत्र थमा रहे हैं। जिन्हें आवश्यक वस्तु के परिवहन के लिए उपयोग किया जाना है, लेकिन इनमें सीमेंट और कोयला ढोया जा रहा है। अधिकारियों की मिली भगत, कमीशन के लालच में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी उन वाहनों की सूची तक सार्वजनिक नहीं करते हैं। जिन्हें दिन में शहर की सड़कों से निकलने की अनुमति दी जाती है।

खास बात यह है कि बिना अनुमति के सड़कों से 40-50 टन तक माल लादकर निकलने वाले इन वाहनों से दिन-प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाएं और मौतें हो रही हैं।
स्थानीय नागरिकों के विरोध में प्रशासन और पुलिस आश्वासन देकर शांत हो जाती है। लेकिन जगह-जगह चौराहों पर खडेÞ पुलिसकर्मी सिर्फ सौ रुपये लेकर दिन में मौत बनकर दौड़ते इन वाहनों को आगे निकलने की अनुमति दे देते हैं।

इस मार्ग से निकलते हैं दर्जनों ट्रक

सीमेंट और खाद से भरे ट्रक रेलवे स्टेशन के माल गोदाम से निकलकर तानसेन रोड, हजीरा चौराहा, बिड़ला नगर, चन्दनपुरा होते हुए इंडस्ट्रियल एरिया गोदामों पर पहुंचते हैं। वहीं कोयले से भरे ट्रक रेलवे स्टेशन के माल गोदामों से निकलकर हजीरा चौराहा, बिड़ला नगर, बिड़ला नगर पुल से होते हुए मुरैना और भिण्ड मार्गों पर निकलते हैं।

एक दर्जन से अधिक ने गंवाई जान

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अवैध रूप से सीमेंट और कोयला भरकर निकलते इन भारी वाहनों के नीचे दबकर और टक्कर से विगत कुछ वर्षों में ही एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। कई परिवार अपने बच्चे, मुखिया और बुजुर्गों को खो चुके हैं। दर्जनों लोग इन वाहनों की टक्कर से विकलांग हो चुके हैं। हाल ही में सीमेंट से लदे ऐसे ही एक ट्रक ने एक मासूम को काल के गाल में सुला दिया था। सड़क दुर्घटनाएं ही नहीं हजीरा क्षेत्र की कॉलोनियों में रहने वाले सैकड़ों लोग सांस और फैंफड़ों की बीमारियों से ग्रसित हैं और कईयों की मौत हो चुकी है। लेकिन कमीशन का लालची प्रशासन और रिश्वतखोर पुलिस दिनभर दौड़ते इन वाहनों पर अंकुश नहीं लगा रहा है।

Updated : 12 Dec 2017 12:00 AM GMT
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