17 साल बाद पहली बार ऐसा बना संयोग

चमोली। हरि भगवान बद्रीनाथ मंदिर के कपाट आज बंद होने हैं। रविवार देर शाम 7 बजकर 28 मिनट पर कपाट बंद किए जाएंगे। कंपाटबंदी की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 17 साल बाद पहली बार ऐसा संयोग बना है जब मंदिर के कपाट सांध्य बेला में बंद होंगे। इसके लिए मंदिर को 15 क्विंटल गेंदा जूही व चमेली के फूलों से सजाया जा रहा है। कपाटबंदी के बाद शीतकाल के छह माह मां लक्ष्मी भी भगवान बदरी विशाल के साथ गर्भगृह में विराजमान रहेंगी।
हम आपको बता दें कि मान्यता के अनुसार इस अवधि में देवर्षि नारद भगवान बदरी विशाल की पूजा-अर्चना करेंगे। शनिवार को मंदिर परिक्रमा परिसर में स्थित मां लक्ष्मी के मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड उमडी रही। इस मौके पर भगवान बदरी विशाल की ओर से बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने मां लक्ष्मी को गर्भगृह में विराजने का निमंत्रण दिया। रविवार शाम कपाट बंद होने से पहले शीतकाल के लिए मां लक्ष्मी को गर्भगृह में भगवान नारायण के बगल में विराजमान किया जाएगा। और देश-विदेश से भी यात्री, श्रद्धालु यहाँ पहुंच रहे हैं। कपाट बंद होने पर अवसर पर धाम को मधुर संगीत से गुंजायमान करने को गढ़वाल राइफल की टुकड़ी भी पहुंच चुकी है उसके लिए यहाँ आ चुकी है। माणा, बामणी गांव के लोग भी कपाट बंदी पर भगवान के दर्शनों और पूजा अर्चना की तैयारी में लगे हैं। आपको बता दें कि 17 वर्ष में पहली बार धाम के कपाट देर शाम 7 बजकर 28 मिनट पर बंद होंगे। इससे पहले वर्ष 1999 में भी देर शाम 7 बजे कपाट बंद हुए थे।