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रिफाइनरी में ठेके के नाम पर लाखों की ठगी

रिफाइनरी में ठेके के नाम पर लाखों की ठगी
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-स्कूल संचालक से हिस्सेदारी के बहाने लिए थे 25 लाख रुपए, दो साथी फरार

ग्वालियर।
मथुरा रिफाइनरी में ठेका दिलाने के बहाने स्कूल संचालक से लाखों रुपए ठगने वाले शातिर ठग को पुलिस ने पकड़ने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने ठग के कब्जे से करीब छह लाख रुपए भी बरामद कर लिए हैं। ठग के दो साथियों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।

पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष ने पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि शिवशक्ति नगर मोतीझील पर रहने वाले लखनलाल शर्मा स्कूल संचालक हैं। वर्ष 2015 में लखनलाल शर्मा अपने मित्रों के साथ गिर्राज जी की परिक्रमा करने के लिए मथुरा गए थे। इस दौरान एक ढाबे पर मिले ठग ने उनको अपना परिचय देते हुए मथुरा रिफाइनरी में ठेकेदार बताया। उसने लखनलाल को ठेके में हिस्सेदार बनाने के बहाने अपने झांसे में फंसा लिया और उनसे 25 लाख रुपए ऐंठ लिए। लखनलाल ठग की बातों में आ गए और लाखों रुपए का फायदा देख रकम उसे दे दी। ठग संजय सिंह उर्फ महेन्द्र प्रताप के साथ उसके दो साथी धीरेन्द्र कुमार पाण्डे और पप्पू भी शामिल थे। ठग के बैंक खाते में 25 लाख रुपए जमा कराने के बाद जब लखनलाल ने ठगों से अपनी हिस्सेदारी की रकम दस लाख रपए मांगे तो वह उसे टकराने लगे। जब ठग ने अपना मोबाइल 27 जनवरी 2016 को बंद कर लिया तो लखनलाल शर्मा को शंका हुई और संदेह हकीकत में बदल गया। ठग अपना पता ठिकाना बदलकर भाग चुका था। लखनलाल ने आपबीती तत्कालीन पुलिस अधीक्षक हरिनारायणचारी मिश्रा को सुनाई। तभी से पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई थी। अपराध शाखा ने मथुरा पुलिस के सहयोग से रैकी करने के बाद शातिर ठग महेन्द्र प्रताप पुत्र माता बादल सिंह उम्र 40 वर्ष निवासी श्रद्धा विहार कॉलोनी मथुरा को गिरफ्तार कर लिया। ठग के कब्जे से पुलिस ने 5.92 लाख रुपए भी बरामद कर लिए हैं। ठग मूलत: रायबरेली का रहने वाला है और उसका मथुरा रिफाइनरी में न तो कोई सम्पर्क है और न ही उसका कभी ठेका रहा है। पुलिस ने ठग के साथी धीरेन्द्र पाण्डे और पप्पू की तलाश भी शुरू कर दी है।

स्वयं तलाश किया ठग का नया मकान

लखनलाल शर्मा जब ठग के मथुरा में पुराने मकान पर पहुंचे तो वहां पता चला कि वह किराए से रहता था। इससे उनकी समझ में आ गया कि वह ठग के झांसे में आ गए हैं। बस्ती में एक छोटी बच्ची ने ठग के नए मकान के बारे में बता दिया। बस फिर क्या था लखनलाल ने दिमाग लगाकर रजिस्ट्रार कार्यालय में उसके नाम की रजिस्ट्री की तलाश की। पत्नी के खाते में रकम भेजने के बाद से ही उन्हें उसका नाम मालूम था। पत्नी के नाम से ठिकाना मिलते ही लखनलाल शर्मा वहां पहुंच गए। ठग के वाहन चालक पप्पू ने जैसे ही लखनलाल को देखा तो उसके होश उड़ गए थे।

एसपी ने पांच और फरियादी ने 21 हजार का दिया इनाम

ठग को पकड़ने वाली पुलिस टीम को पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष ने पांच हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की तो वहीं लखनलाल शर्मा ने भी अपनी तरफ से 21 हजार रुपए देने की पुलिस अधीक्षक से पेशकश की, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।

मां की बीमारी के बहाने 40 हजार भी लिए

लखनलाल शर्मा ने बताया कि लाखों रुपए लेने के बाद शातिर ठग महेन्द्र प्रताप ने अपनी मां की बीमारी का बहाना बनाकर पत्नी के खाते में 40 हजार रुपए जमा कराए थे, जबकि उसकी मां बीमार नहीं थी।

ठगी के पैसों से मकान, जेवरात, बोलेरो खरीदी

लखनलाल शर्मा से 25 लाख की ठगी करने के बाद शातिर ठग ने सबसे पहले अपना ठिकाना बदला और नया मकान श्रद्धा विहार कॉलोनी मथुरा में बनाया। उसके बाद पत्नी के लिए सोने के गहने और कार बेचकर बोलेरो गाड़ी खरीद ली थी। पप्पू उसके यहां पर ड्राइवरी का काम करने लगा, जो उसके ठगी के गोरखधंधे में पूरा सहयोग करता है।

नाम बदलकर कर रहा था ठगी का गोरखधंधा

ठग ने अपना नाम लखनलाल को संजय बताया था। पुलिस संजय नाम से ही उसकी तलाश में हाथ-पैर मारती रही, लेकिन ठग द्वारा अपना असली नाम छिपाने के कारण पुलिस को सफलता नहीं मिल पा रही थी। जब पुलिस ने बैंक में उसके वोटर कार्ड व आईडी आदि को खंगाला तो उसमें महेन्द्र का पता ग्राम रतैया खुर्दी जिला रायबरेली लिखा हुआ था। असली नाम पता चलते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

स्कूल संचालक वर्ष 1995 से कर रहे हैं गोर्वधन परिक्रमा

स्कूल संचालक लखनलाल शर्मा वर्ष 1995 से लगातार गोवर्धन परिक्रमा करने के लिए मथुरा जा रहे हैं। जिस ढाबे पर वह खाना खाते हैं वहीं पर ठग महेन्द्र प्रताप और उसके साथियों ने उन्हें अपने झांसे में फंसा लिया था।

Updated : 5 Oct 2017 12:00 AM GMT
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