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भोपाल तक मचा हड़कम्प, वरिष्ठ अधिकारियों ने मांगी जानकारी

भोपाल तक मचा हड़कम्प, वरिष्ठ अधिकारियों ने मांगी जानकारी
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-मामला कमलाराजा अस्पताल के पोस्ट आॅपरेटिव वार्ड में भर्ती महिलाओं का
-गायनिक की विभागाध्यक्ष, नर्स माया, सेन्ट्रल स्टोर प्रभारी को नोटिस जारी, सेन्ट्रल स्टोर प्रभारी डॉ. योगेश कसेड़िया को हटाया
ग्वालियर। अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य चिकित्सालय में आए दिन चिकित्सकों की लापरवाही के मामले सामने आते हैं, लेकिन इस बार एक बहुत ही हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें गायनिक विभाग में भर्र्ती महिलाओं को इंजेक्शन लगते ही रिएक्शन हो गया, जिसको लेकर भोपाल तक हड़कम्प मचा और सोमवार को सुबह ही जिला प्रशासन से लेकर जयारोग्य अस्पताल प्रशासन हरकत में आ गया। घटना के बाद सुबह होते ही करीब 8.30 बजे गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस.एन. अयंगर, जयारोग्य अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. संजय सिंह चंदेल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस. जादौन एवं महिला सशक्तिकरण अधिकारी राकेश सिंह गायनिक विभाग में पहुंचे और एक बंद कमरे में जांच शुरू हुई। जयारोग्य प्रबंधन ने सेन्ट्रल स्टोर प्रभारी डॉ. योगेश कसेड़िया को हटाकर फार्माकालोजी के डॉ. देवेन्द्र कुशवाह को प्रभारी बनाने के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही गायनिक की प्रभारी विभागाध्यक्ष व मरीजों को इंजेक्शन लगाने वाली नर्स माया एवं सेन्ट्रल स्टोर के प्रभारी डॉ. योगेश कसेड़िया को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिन में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। वहीं इस पूरे मामले को लेकर संभागायुक्त एस.एन. रूपला ने भी इंजेक्शन रिएक्शन का कारण पता करने के लिए एडीएम की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति गठित की है जिसमें एडीएम शिवराज वर्मा, आॅर्थोपेडिक के विभागाध्यक्ष डॉ. समीर गुप्ता, नेत्र के विभागाध्यक्ष डॉ. यू.एस. तिवारी शामिल हैं।

जांच के लिए भेजा इंजेक्शन, नॉर्मल सेलाइन व डिस्टल वाटर:- महिलाओं में रिएक्शन करने वाला भारत कम्पनी का एम्पीसिलीन इंजेक्शन बी-6139 बैच का लगाया गया था। यही इंजेक्शन महिलाओं को दिया गया था, जिसके बाद महिलाओं की स्थिति बिगड़ गई थी। इसीलिए जयारोग्य चिकित्सालय प्रशासन द्वारा इंजेक्शन नॉर्मल सेलाइन व डिस्टल वाटर को महाविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में जांच के लिए भेजा गया है, जहां से रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि रिएक्शन के क्या कारण थे।

नर्सिंग छात्रों से भी लगवाए जाते हैं इंजेक्शन

इस घटना के सामने आने के बाद अब बहुत से सवाल उठ रहे हैं। अस्पताल में कई बार देखने में आता है कि वार्ड में मौजूद नर्सिंग स्टाफ अपने काम से बचने के लिए मरीजों को इंजेक्शन नर्सिंग के छात्रों से ही लगवा देते हैं। इसके साथ ही अस्पताल में कई चिकित्सक ऐसे भी हैं, जो शाम के समय राउण्ड पर नहीं पहुंचते हैं।

50 में से सिर्फ चार महिलाओं के लिए बयान

घटना की सूचना भोपाल तक पहुंचने के बाद शासन के निर्देश पर जिलाधीश ने सीएमएचओ डॉ. एस.एस. जादौन, महिला बाल विकास अधिकारी राजीव सिंह भी जांच के लिए कमलाराजा अस्पताल भेजा। जांच के दौरान सीएमएचओ डॉ. जादौन ने डॉ. अर्चना मौर्य, डॉ. प्रियंका कदम, डॉ. नीलम, डॉ. शिखा, डॉ. दर्शन, डॉ. श्वेता कुशवाह, सिस्टर इंचार्ज लता एवं चार वार्डों में भर्ती चार महिलाओं सहित कुल 12 लोगों के बयान लिए, जबकि वार्ड में 50 महिलाएं भर्ती थीं, जिनकी तबियत इंजेक्शन लगने के बाद बिगड़ी थी। इनमें पांच महिलाओं को गंभीर स्थिति में आईसीयू में भी सिफ्ट करना पड़ा था। उसके बाद भी डॉ. जादौन सिर्फ चार महिलाओं के बयान ही लेकर लौट गए।

इन बिंदुओं पर होगी जांच

जांच समिति प्रमुख रूप से इन बिन्दुओं पर जांच करेगी कि घटना किन परिस्थितियों में हुई। घटना से संबंधित रोगियों को चढ़ाए गए सिलाइन व दी गई मेडीसिन के रख-रखाव तथा उपयोग में किसी स्तर पर क्या कोई त्रुटि हुई है। यदि हां तो कौन जिम्मेदार है। इसके अलावा भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सुझाव देने को कहा है। संभागायुक् त ने समिति को शीघ्र जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।

दवाओं को नहीं किया जा रहा था क्रॉस चैक

इस पूरे मामले में सेन्ट्रल दवा स्टोर प्रभारी की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है। दवाओं की सप्लाई भोपाल स्तर पर एमपीपीएचएस कॉर्पोरेशन के माध्यम से होती है। सप्लाई के समय संबंधित कम्पनी की दवा की जांच रिपोर्ट भेजी जाती है। इसके साथ ही जांच रिपोर्ट को क्रॉस चैक करने के लिए एक सैंपल चिकित्सा महाविद्यालय के फार्मोकलोजी विभाग में भी भेजी जाती है, लेकिन दवा को क्रॉस चैक नहीं कराया जा रहा था।

कांग्रेसियों ने सौंपा ज्ञापन

इस घटना के बाद जिला कांग्रेस कमेटी की सचिव डॉ. रश्मि पवार शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता जयारोग्य अस्पताल अधीक्षक को ज्ञापन सौंपने पहुंचे। कांग्रेसजनों ने प्रभारी अधीक्षक डॉ. संजय सिंह चंदेल को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा मनमानी, अज्ञानता व इंजेक्शन लगाने के बाद उनकी प्रतिक्रिया नहीं देखने से महिलाओं की हालत बिगड़ी थी। अगर महिलाओं का समुचित उपचार एवं सही देखरेख उपस्थित चिकित्सक व स्टाफ द्वारा किया जाता तो महिलाओं की हालत नहीं बिगड़ती। इसलिए चिकित्सक व स्टाफ के विरुद्ध कार्रवाई की जाए, साथ ही जिस कम्पनी द्वारा इंजेक्शन सप्लाई किए गए हैं, उन्हें नष्ट किया जाए, जिससे अन्य मरीजों की हालत न बिगड़े। ज्ञापन सौंपने वालों में युवा कांग्रेस के दक्षिण विधानसभा अध्यक्ष विक्रम सिंह भदौरिया, अतुल बाथम, रवि गरुड़, बाबू गुप्ता, रोहित ताम्बे, लावण्य शर्मा, गगन जादौन सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल थे।

Updated : 31 Oct 2017 12:00 AM GMT
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