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प्रॉपर्टी कारोबार में फायदे का झांसा देकर बिल्डर ने अप्रवासी भारतीय से 40 लाख रुपए ठगे

प्रॉपर्टी कारोबार में फायदे का झांसा देकर बिल्डर ने अप्रवासी भारतीय से 40 लाख रुपए ठगे
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ग्वालियर। शहर के एक बिल्डर द्वारा अप्रवासी भारतीय चिकित्सक से 40 लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। बिल्डर ने मल्टी बनाकर उसमें तीन दुकानें देने के बहाने अप्रवासी भारतीय चिकित्सक से लाखों रुपए लेने के बाद भी न तो उसे दुकानें दीं और न ही रकम लौटाई। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है।

थाटीपुर थाना क्षेत्र स्थित जीवाजी नगर में रहने वाले डॉ. राजसिंह परमार यूनाइटेड किंग्डम (यूके) में चिकित्सक हैं। राजसिंह के माता-पिता ग्वालियर में रहते हैं। वर्ष 2012 में डॉ. राजसिंह की मां मीरा और पिता पी.एन. सिंह से बिल्डर्स रविन्द्र सूद ने एक मल्टी बनाने की बात कही। बिल्डर ने उनसे कहा कि आप उसमें हिस्सेदारी कर लें तो आपको कुछ ही सालों में लाखों रुपए का फायदा हो जाएगा। मीरा देवी ने यह बात अपने अप्रवासी भरतीय बेटे डॉ. राजसिंह को बताई। रविन्द्र सूद ने तीन दुकानें देने के अलावा रकम भी लौटाने की बात कही थी। इस पर डॉ. राजसिंह ने पांच लाख रुपए थाटीपुर में बिल्डर को थमा दिए और बाकी रकम विदेश जाकर देने की बात कही। डॉ. राजसिंह यूनाइटेड किंग्डम पहुंचे तो उन्होंने रविन्द्र के खाते में बाकी के 35 लाख रुपए डाल दिए। बिल्डर रिविन्द्र सूद, उसकी सास विमला आंनद और दो अन्य रामनिवास गुप्ता व मधु अग्रवाल ने रकम लेने के बाद अप्रवासी भारतीय डॉ. राजसिंह को न तो मल्टी में दुकानें दीं और न ही रकम वापस की। विदेश में रहने वाले चिकित्सक डॉ. राजसिंह ने कई बार सम्पर्क कर रविन्द्र सूद से दुकानें देने का आग्रह किया, लेकिन उनको हर बार टरका कर जल्दी दुकानें देने का वायदा किया गया। चार साल बाद भी जब अप्रवासी भारतीय चिकित्सक को 40 लाख रुपए वापस नहीं मिले और ठगी का शिकार होने का पता चला तो वह परेशान हो गए। डॉ. राजसिंह ने आपबीती पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष को सुनाई। पुलिस ने जांच के बाद थाटीपुर थाने में रविन्द्र, उसकी सास विमला आनंद, रामनिवास गुप्ता और मधु अग्रवाल के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

विदेश से रकम देना बना सबूत

डॉ. राजसिंह ने यदि विदेश से बिल्डर के खाते में 35 लाख रुपए नहीं डाले होते तो धोखाधड़ी करने वाले उनसे रकम लेने की बात से ही मना कर देते। ऐसे में डॉ. राजसिंह को परेशानी का सामना करना पड़ता। विदेश से रकम खाते में स्थानांतरित करने से उनकी लिखा-पढ़ी है और बैंक में एन्ट्री भी दर्ज है।

बाउंस चेक थमाए

बताया गया है कि रविन्द्र सूद ने एक बार डॉ. राजसिंह से कहा था कि आप पुलिस में शिकायत मत करो। हम आपको चेक दे रहे हैं। इसके बाद उसने ओरियंटल बैंक के चेक दिए, जो बैंक में दिखाने पर बाउंस हो गए थे।

Updated : 15 Oct 2017 12:00 AM GMT
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