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पार्सल में फल हैं या कुछ और, जांच नहीं करता रेलवे

पार्सल व्यवस्था चल रही राम भरोसे, कभी भी हो सकती है सुरक्षा के लिए घातक

ग्वालियर| चोरी और लूट की वारदातों के चलते रेल यात्री पहले ही दहशत के बीच यात्रा करने को मजबूर हैं तो वहीं रेलवे में पार्सल व्यवस्था को भी भगवान भरोसे चलाया जा रहा है। सामान भेजने वाले की बातों पर विश्वास कर पूरी व्यवस्था संचालित की जा रही है। अभी हाल ही में पातालकोट एक्सप्रेस के एसएलआर कोच में हुई आगजनी के बाद रेलवे स्टेशन में जिस तरह से सामान की बुकिंग हो रही है, उससे सुरक्षा को बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। पार्सल में फल है या कुछ और इनकी जांच न तो रेलवे करती है और न ही आरपीएफ के अधिकारी।

कर्मचारियों को भी पता नहीं
पार्सल कार्यालय के कर्मचारियों को पार्सलों में क्या है इसकी जानकारी नहीं रहती है। पार्सल कार्यालय में सामानों की सुरक्षा भी नहीं है। रेलवे पुलिस द्वारा पार्सल यान में अवैध सामानों की जांच की जाती है और कार्रवाई कई बार की जा चुकी है। उसके बाद भी पार्सल कार्यालय में सामानों की जांच नहीं होती है।

झूठ पर चलता है लगेज बुकिंग का व्यापार
एसएलआर कोच में रखे जाने वाले सामान की अमूमन जांच नहीं होती है। सामान का दस-बीस प्रतिशत हिस्सा देखकर एसएलआर में सामान लोड कर दिया जाता है। ऐसे में अधिकतर पार्टियां झूठा माल बताकर सामान बुक कराती हैं।

ब्यौरा भर कर कुछ भी भेजो
रेलवे के पार्सल विभाग के माध्यम से भेजे जा रहे पैकेट के भीतर क्या रखा है, यह देखने की कोशिश पार्सल विभाग का कोई भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं करता। पार्सल बुक कराते समय सिर्फ अनुशंसा टिप्पणी भरकर बिल देखकर कार्रवाई पूरी कर दी जाती है। यानी फॉर्म में यह ब्यौरा भरा जाता है कि पार्सल में जूते,कपड़े अन्य सामान है। फिर चाहे हकीकत में इसके अंदर कुछ भी संदिग्ध सामान ही क्यों न रखा हो।

सवालों के घेरे में
कई साल तक पार्सल यान में ओवर लोडिंग, लीज एसएलआर की जांच हर थोड़े अंतराल में होती थी लेकिन अब विजिलेंस आरपीएफ हाथ पर हाथ धरे बैठी है। जिसके चलते रेलवे स्टेशन के पार्सल कार्यालय में सामानों की बिना जांच किए लोड कर दूसरी जगह भेजा जा रहा है।

पार्सल कार्यालय से कुछ भी भेज दो
*ग्वालियर स्टेशन से बड़ी मात्रा में सामान दिल्ली और इंदौर भेजा जाता है।
*पार्सल कार्यालय में न तो एक्सरे मशीन है और न ही स्कैनर।
*बंद डिब्बे में क्या जा रहा है यह किसी को भी नहीं पता।
*पार्सल के अंदर क्या भेजा जा रहा है इसकी जांच बिल्कुल भी नहीं की जाती है।

इनका कहना है
पार्सल विभाग में रेलवे नियमों के अनुसार सामानों की जांच की जा रही है। अगर ऐसा नहीं होता है तो जो भी दोषी होगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

विजय कुमार
सीपीआरओ, इलाहाबाद

Updated : 29 Jan 2017 12:00 AM GMT
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