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पेलेट गन पर नहीं लगेगी पूरी तरह पाबंदी, दुर्लभ मामलों में किया जा सकता है इस्तेमाल

पेलेट गन पर नहीं लगेगी पूरी तरह पाबंदी, दुर्लभ मामलों में किया जा सकता है इस्तेमाल
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पेलेट गन पर नहीं लगेगी पूरी तरह पाबंदी, दुर्लभ मामलों में किया जा सकता है इस्तेमाल

नई दिल्ली| एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में भीड़ पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले पेलेट गनों पर पूरी तरह पाबंदी नहीं लगाई जाएगी और ‘दुर्लभतम मामलों’ में इनका इस्तेमाल किया जाएगा।

सुरक्षा बलों से गहन विचार-विमर्श करने और कश्मीर घाटी में जमीनी हालात का परीक्षण करने के बाद वरिष्ठ सरकारी अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। अधिकारी ने कहा कि पेलेट गन से फायरिंग करने का विकल्प कायम रहेगा, लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ दुर्लभतम मामलों में किया जाएगा।

कश्मीर घाटी में भीड़ पर काबू पाने के लिए पेलेट गनों के इस्तेमाल पर सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि इस हथियार से बड़े पैमाने पर घाटी में लोग घायल हुए हैं।

गौरतलब है कि आठ जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी की एक मुठभेड़ में हुई मौत के बाद कश्मीर घाटी में पिछले 51 दिनों से जारी अशांति में दर्जनों लोग मारे गए हैं जबकि कई अन्य घायल हुए हैं।

बीते 24-25 अगस्त को कश्मीर की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि आने वाले दिनों में सुरक्षा बलों को पेलेट गनों का विकल्प मुहैया कराया जाएगा।

उन्होंने कहा था, ‘आने वाले कुछ दिनों में हम पेलेट गनों का विकल्प मुहैया कराएंगे। इन बंदूकों को पहले गैर-जानलेवा समझा जाता था, लेकिन कुछ घटनाएं हुई हैं। हमने एक महीने पहले एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जिसे दो महीने में रिपोर्ट देनी है, लेकिन यह बहुत जल्द आएगी।’ समझा जाता है कि पेलेट गनों का विकल्प तलाशने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ‘पावा गोले’ के इस्तेमाल की सिफारिश करने पर विचार कर रही है। ‘पावा गोले’ में मिर्च भरी जाती है। यह कम जानलेवा है।

Updated : 30 Aug 2016 12:00 AM GMT
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