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बाढ़ बेहाल हुए देश के कई राज्य

बाढ़ बेहाल हुए देश के कई राज्य
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बाढ़ बेहाल हुए देश के कई राज्य


नई दिल्ली। देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश के कारण नदियों ने विकराल रूप अख्तियार कर रखा है। पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के जिलों में गंगा सोमवार को खतरे के निशान को पार कर गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में गंगा में इतना पानी भर चुका है कि गंगा के घाट डूब गए हैं। मंगलवार को सुबह 9 बजे वाराणसी में गंगा का जलस्तर 72.46 मीटर दर्ज किया गया। बाढ़ के चलते स्कूलों में 25 तारीख तक छुट्टियां कर दी गयी हैं। बिहार में एनएच-82 का कुछ हिस्सा बह जाने के कारण इसे बंद करना पड़ा है। चार राज्यों में स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरऍफ़ को उतारना पड़ा है। एनडीआरएफ की टीमों ने अब तक पांच राज्यों में कुल 26 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित बचाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर बाढ़ प्रभावितों को हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया है।

वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के लाल निशान को पार कर गया है। आज सुबह शैलपुत्री पर सवारियों से भरी नाव पलट गई। इस हादसे में दर्जन भर यात्रियों को लोगों ने बचाया। गंगा का पानी सीढ़ियों को पार करते हुए अब ऊपर रास्ते तक पहुंच चुका है। गंगा में बढ़ते पानी का ही असर है कि वरुणा नदी पर बना रेलवे का पुल धंस गया है। सोमवार को दिन भर एक ही ट्रैक से यहां गाड़ियां आई और गईं। रात भर इसके मरम्मत का काम हुआ है और आज जाकर दोनों ट्रैक के चालू होने की उम्मीद है।

इलाहाबाद में भी बाढ़ से कोहराम मचा हुआ है। कई इलाके जलमग्न हैं। नैनी क्षेत्र में बीती रात एक कार बाढ़ के पानी में डूब गयी। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। एक युवक को पानी से जिन्दा निकाला गया। बलिया जिले का बड़ा हिस्सा बाढ़ की चपेट में है। पास में गाजीपुर भी बाढ़ से बचा नहीं है। यहां के करीब दो सौ गांव बाढ़ में डूबे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के बांदा में बाढ़ का पानी भरने से जनजीवन अस्त व्यस्त है। यहाँ सोमवार को एक महिला ने नाव में ही बच्ची को जन्म दिया।

बाढ़ ने सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश के जिलों को तबाह किया है। कई जिले पानी में डूबे हैं। घरों में पानी घुसा हुआ है। कई लोगों की मौत हो चुकी है और लोग बेबस होकर बस मदद के इंतजार में हैं।ग्वालियर में सिंध नदी में अचानक पानी बढ़ जाने से नदी के दूसरीओर फंसे चार लोगों को बचाने के लिए टॉर्च की रोशनी में बचाव अभियान चलाना पड़ा। रीवा में भी लोगों का हाल बेहाल है। आर्मी यहां पर राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बाढ़ के हालात का जायज़ा ले चुके हैं।

बिहार में दस लाख से ज्यादा आबादी बाढ की चपेट में है। छपरा शहर में बाढ़ का पानी घुस गया है। छपरा जिले में गंगा, गंडक और सरयू तीनों नदियां उफान पर है और चालीस साल बाद छपरा शहर के घरों, दुकानों और दफ्तरों में पानी घुस गया है। छपरा बलिया रेल लाइन पर भी बाढ़ के पानी का दबाव है लिहाजा इस रूट पर ट्रेनें बंद कर दी गई हैं। छपरा शहर डाकघर, कोर्ट कैंपस सहित कई रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है। बाढ के पानी में रसूलपुर इलाके की पूरी की पूरी सड़क डूब गई है। छपरा के सांसद और केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने प्रशासन की ओर से तैयारी नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की है।

गया से नवादा को जोड़ने वाला हाईवे नदी में अचानक आई बाढ़ से बह गया। जिला प्रसाशन की ओर से मानपुर प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टिकोण से पुलिस बल की नियुक्ति की गई है ताकि कोई घटना न घटे। फिलहाल NH 82 पूरी तरह बंद हो चुका है।

देश के कई राज्यों में भीषण बाढ़ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने बाढ़ग्रस्त राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फोन पर हालात की जानकारी ली और हरसंभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं और उन्होंने स्थिति का जायजा लेने के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात की है।

प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘केंद्र राहत एवं बचाव अभियानों में पूर्ण मदद का आश्वासन देता है। मैं प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति के जल्द से जल्द सामान्य होने की उम्मीद करता हूं।

Updated : 23 Aug 2016 12:00 AM GMT
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