सोच-समझकर करें आय की घोषणा: अशोक
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सोच-समझकर करें आय की घोषणा: अशोक
चेम्बर में आय घोषणा योजना पर सेमीनार आयोजित
ग्वालियर। आय घोषणा योजना 2016 के अंतर्गत व्यापारी अपनी आय सोच-समझकर घोषित करें। गलत आय घोषित करने पर भरे गए कर की वापसी का कोई प्रावधान नहीं है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में छुपा हुआ धन वापस लाकर देश का विकास करना है। आय घोषणा की अंतिम तिथि 30 सितम्बर तक रहेगी। कर की राशि का भुगतान 30 नवम्बर तक किया जा सकता है।यह बात सीए अशोक विजयवर्गीय ने चेम्बर ऑफ कॉमर्स एवं इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंट्स ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आय की घोषणा योजना पर आयोजित सेमीनार में कही।
उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2015-2016 तथा उसके पूर्व के वर्षों की अघोषित आय एवं सम्पत्तियों की घोषणा पर 45 प्रतिशत टैक्स सरचार्ज व जुर्माना शामिल है। इस अवधि तक आय घोषित नहीं करने पर आपकी आय को शून्य माना जाएगा, इसके उपरांत आयकर विभाग अपनी कार्रवाई करेगा। इस अवसर पर आयकर विभाग के संयुक्त आयकर आयुक्त डॉ. प्रशांत खांबरा एवं जे.पी. तलानिया उपस्थित थे।
सेमीनार में डॉ. प्रशांत खांबरा ने कहा कि इस योजना के तहत करदाता अपनी अघोषित संपत्ति की घोषणा कर सकता है। इस दौरान विभाग द्वारा करदाता से किसी प्रकार की पूछताछ नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन व्यापारियों के यहां आयकर का सर्वे हो चुका है, वह इस योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं। इस अवसर पर आईसीएआई शाखा के चेयरमेन सीए अजय सिंघल, सीए जी.डी. लड्ढा, सीए अरुण डागा, सीए राजेश गुप्ता, सीए अरविन्द व्यास, चेम्बर के पूर्व अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र कुमार गंगवाल, सुरेशचंद बिंदल, मनीष बांदिल, विनोद विजपुरिया, अश्विनी कुमार सोमानी एवं अनिल गुप्ता आदि उपस्थित थे। सेमीनार का संचालन चेम्बर सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल एवं आभार कोषाध्यक्ष गोकुल बंसल ने व्यक्त किया।
व्यापारियों के लिए यह अच्छा अवसर है
सेमीनार में जे.पी. तलानिया ने कहा कि यह योजना व्यापारियों के लिए बहुत अच्छी है। इसमें किसी प्रकार का कोई जुर्माना नहीं है। इस योजना के तहत आप अपने आप को ईमानदार करदाता घोषित कर देश के विकास में योगदान दे सकते हैं। श्री तलानिया ने कहा कि आयकर विभाग में काफी परिवर्तन आया है। अब विभाग करदाता के नजदीक है। उन्होंने कहा कि अब ईमानदार करदाता का विभाग में स्वागत है।
मुख्य बिन्दु
- यदि कोई व्यक्ति भारत में नहीं है या उसकी मानसिक स्थिति खराब है तो उसकी आय की घोषणा अधिकृत प्रतिनिधि कर सकता है।
- जिनको धारा 142, 143(2), 148, 153ए व 153सी के नोटिस जारी हो चुके हैं, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- घोषणा का प्रावधान केवल एक बार ही है।
- आय की घोषणा नहीं होने से देश का विकास अवरूद्ध हो रहा है।