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भारत में आईएसआईएस की बढ़ती पैठ चिंताजनक : सुधांशु द्विवेदी

भारत में आईएसआईएस की बढ़ती पैठ चिंताजनक : सुधांशु द्विवेदी

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) द्वारा पुराने हैदराबाद शहर में 10 ठिकानों पर छापेमारी कर आईएसआईएस के एक मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। बताया जा रहा है कि 11 लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। एनआईए द्वारा स्थानीय पुलिस की मदद से छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। है।

आईएसआईएस के उक्त संदिग्धों से हथियार और 15 लाख रुपए नगद बरामद किये जाने का दावा भी किया जा रहा है। एनआईए की यह कार्रवाई यह साबित करती है कि आईएसआईएस भारत में अपनी पैठ बढ़ाने के लिये लगातार प्रयासरत है जो भारत की सुरक्षा की दृष्टि से कतई ठीक नहीं है। सरकार द्वारा आए दिन दावा किया जाता रहता है कि भारत में आईएसआईएस की पैठ जैसी कोई बात नहीं है तो फिर हैदराबाद जैसे यह मामले क्यों सामने आ रहे हैं। आवश्यकता तो इस बात की है कि सरकार द्वारा आईएसआईएस के मुद्दे पर संवेदनशीलता एवं सतर्कता का परिचय देना चाहिये। इसके अलावा इस आतंकी संगठन की भारत में अपनी पैठ बढ़ाने संबंधी मंसूबे को नाकाम करने के लिये लोगों खासकर युवाओं को जागरुक और संवेदनशील रहने की जरूरत है।

मानवता के घोर विरोधी इस आतंकी संगठन द्वारा दुनियाभर को रक्त रंजित करने के जिस खतरनाक इरादे को अंजाम देने की कोशिश की जा रही है तथा उसके द्वारा भारत को भी अपने निशाने पर रखने की बात कही जा रही है उससे स्पष्ट है कि इस आतंकी संगठन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मदद मिल रही है तथा इस संगठन की मदद में वह देश शामिल हैं जो आतंक व रक्तपात को ही अपने वजूद का आधार मानते हैं।

आईएसआईएस से जुड़ाव रखने वाले या उनके लिये काम करने वाले कुछ लोगों को पहले भी देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया जाता रहा है इसका मतलब स्पष्ट है कि भारत में अभी भले ही इस आतंकी संगठन का ज्यादा प्रभाव नहीं है लेकिन वह अपनी कोशिशों को अंजाम देने में जुटा है। बीते कुछ महीनों में जम्मू कश्मीर में आईएसआईएस के झंडे कई बार लहराए जा चुके हैं। इसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि जम्मू-कश्मीर के कुछ युवकों का कट्टरपंथ की तरफ तेजी से झुकाव हो रहा है तथा आईएसआईएस के प्रति इस झुकाव के चलते ही जम्मू-कश्मीर में खतरा और बढ़ गया है।

ऐसे में देश में आईएसआईएस की पैठ बढ़ाने के इरादों को नाकाम करने के लिये ठोस योजना बनाकर उस पर प्रभावी ढंग से काम करना होगा। ताकि इस आतंकी संगठन के खतरे की आशंका को निर्मूल साबित किया जा सके। आईएसआईएस के प्रति झुकाव रखने वाले कतिपय लोगों को भी यह समझना होगा कि इस आतंकी संगठन के इरादे बेहद खतरनाक एवं शातिर हैं, जो हिंसा एवं रक्तपात के सहारे दुनिया भर में अपनी धाक जमाना चाहता है।

दुनिया में अपनी साख एवं धाक बढ़ाने का एक मात्र आधार मानवीय मूल्यों का संरक्षण एवं संवर्धन ही हो सकता है तथा वसुधैव कुटुंबकम् की भावना शदियों से भारतीय संस्कृति एवं जीवन मूल्यों का हिस्सा रही है। ऐसे में कतिपय लोगों को यह समझना होगा कि आईएसआईएस के प्रति झुकाव रखने की उनकी प्रवृत्ति या इस आतंकी संगठन से जुडऩे की उनकी इच्छा उन्हें सिर्फ मुश्किलों और अमानवीयता के दलदल में धकेलने का ही काम करेगी। इसके साथ ही देश में सरकारी स्तर पर आईएसआईएस की पैठ रोकने के लिये जो कोशिशें की जा रही हैं उन्हें और अधिक धारदार बनाने की जरूरत है। साथ ही देश में सामाजिक न्याय की अवधारणा को मूर्त रूप देने की दिशा में भी प्रभावी ढंग से काम करना होगा। साथ ही देश में आईएसआईएस की विचारधारा व उससे जुड़ी पठनीय सामग्रियों का भारत में प्रचार- प्रसार रोकने के लिये इंटरनेट व सोशल मीडिया आदि पर भी कुछ पाबंदीपूर्ण प्रावधान सुनिश्चित करने होंगे।

Updated : 29 Jun 2016 12:00 AM GMT
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