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यदि शर्म है तो सुधर जाओ, व्यवस्थाएं सुधारो, नहीं तो निलम्बित कर दूंगा

यदि शर्म है तो सुधर जाओ, व्यवस्थाएं सुधारो, नहीं तो निलम्बित कर दूंगा
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यदि शर्म है तो सुधर जाओ, व्यवस्थाएं सुधारो, नहीं तो निलम्बित कर दूंगा

जयारोग्य में अव्यवस्थाओं को देख भड़के प्रमुख सचिव, अधिकारियों को लगाई फटकार


ग्वालियर। यदि आप लोगों में थोड़ी सी भी शर्म है तो यहां कि व्यवस्थाएं सुधार लो, यदि इनमें सुधार नहीं हुआ तो सम्बन्धित अधिकारी या चिकित्सक अपने निलम्बन के लिए तैयार रहे। यह फटकार गुरुवार को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रंभाशु कमल ने जयारोग्य अस्पताल के निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं को देखकर यहां उपस्थित अधिकारियों को लगाई।

श्री कमल ने कहा कि यह अस्पताल अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल है, लेकिन यहां मरीजों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं ही नहीं मिल रहीं हैं, न तो अस्पताल में पूरी दवाएं है और न ही ऑक्सीजन। आप लोगों ने ओपीडी को क्या समझ रखा है। श्री कमल ने जयारोग्य की ओपीडी में व्याप्त समस्याओं को देखकर अधीक्षक डॉ. जे.एस. सिकरवार एवं अन्य चिकित्सकों को इसके लिए आड़े हाथ लिया।

श्री कमल ने कहा कि आप लोग मेरे सवालों का जवाब घुमा कर क्यों दे रहे हैं, जितनी जल्दी हो सके अस्पताल की व्यवस्था सुधार लो। गुरुवार सुबह 10 बजे पीएस प्रभांशु कमल जैसे ही जयारोग्य चिकित्सालय स्थित माधव डिस्पेंसरी की ओपीडी में पहुंचे तो उन्हें सभी सीनियर चिकित्सक उपस्थित मिले। लेकिन यहां अव्यवस्थाएं देखकर वह भड़क गए। उन्होंने कहा कि आप लोगों ने इस अस्पताल की क्या हालत कर रखी है।

सालों से बंद पड़ी ऑक्सीजन लाइन मिनटों में हुई चालू

निरीक्षण के दौरान जब श्री कमल ने आकास्मिक विभाग की ऑक्सीजन सप्लाई चालू करने के लिए कहा तो वर्षों से बंद पड़ी ऑक्सीजन लाइन चिकित्सकों द्वारा पन्द्रह मिनट में चालू कर दी गई। जिस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए विभाग के प्रभारी डॉ. तोमर को फटकार लगाई और कहा कि आप लोग काम करना नहीं चाहते, ऑक्सीजन की मशीन में कितना कचरा हैं, आप इसकी नियमित सफाई क्यों नहीं कराते। आप की लापरवाही के कारण मरीज परेशान होते हैं। वहीं ऑक्सीजन रूम में जब उन्हें ऑपरेटर गायब मिला तो उन्होंने तत्काल ऑपरेटर को बुलवाया और उसे फटकार लगाते हुए कहा कि तुम ऑक्सीजन रूम के गेट खुले छोड़ कर चले जाते हो, यह अस्पताल का बहुत ही अहम हिस्सा होता है, जिस पर ऑपरेटर ने कहा कि मैं सिलेण्डर लेने चला गया था।

मरीजों को आप कैसे देंगे ऑक्सीजन

श्री कमल जैसे ही आकस्मिक उपचार विभाग में पहुंचे तो वहां व्याप्त अव्यवस्थाओं को देख उन्होंने अधिष्ठाता डॉ. एस.एन अयंगर से कहा कि आप लोगों ने यहां बड़े-बड़े शब्दों में आकस्मिक उपचार का बैनर लगा रखा है, लेकिन यहां तो ऑक्सीजन ही नहीं है। भगवान ना करे कि यदि किसी मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती हैं, तो लेने के देने पड़ जाएंगे। यहां ना तो बैड पर चादर हैं, और ना ही विद्युत बोर्ड ठीक चल रहे हैं, जब तक यहां की व्यवस्थाएं दुरूस्त नहीं होतीं इसे बंद करें, सात दिन में पूरी व्यवस्थाएं करें। इसके साथ ही श्री कमल आकास्मिक विभाग में उपस्थित चिकित्सकों के पास पहुंचे और उनसे पूछा की आप लोगों को पता हैं कि यहां की मशीने कब से बंद हैं, तो उपस्थित चिकित्सकों ने कहा कि हम लोग अभी छह माह पहले ही यहां आए हैं, तब से मशीन बंद ही देख रहे हैं, इस पर उन्होंने आकस्मिक विभाग के ंप्रभारी डॉ. बी.एस तोमर को फटकार लगाते हुए कहा कि आप तो अभी बता रहे थे कि मशीन दो माह से खराब पड़ी हैं। जिस पर डॉ. तोमर कोई जवाब नहीं दे सके।

सभी दवाएं उपलब्ध हों

श्री कमल निरीक्षण के मरीजों के पर्चे लिए और पर्चा खुद लेकर ओपीडी में स्थित दवा वितरण केन्द्र पर पहुंच गए, और पूछा की इस पर्चे पर लिखी गईं दवाओं में से आप के पास कितनी दवा हैं। इस पर वहां उपस्थित फार्मासिस्ट ने कहा कि तीन में से सिर्फ एक ही दवा उपलब्ध हैं, जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ओपीडी में 35 दवाएं हैं, वह पूरी होनी चाहिए। फिर चाहे आप लोगों को एडवांस में ही दवाएं क्यों न मंगाना पड़ें। लेकिन दवा वितरण केन्द्र में सभी दवाएं उपलब्ध होना चाहिए।

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Updated : 17 Jun 2016 12:00 AM GMT
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