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क्या आईएस को जवाब देंगे भारत के मुसलमान

क्या आईएस को जवाब देंगे भारत के मुसलमान
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क्या आईएस को जवाब देंगे भारत के मुसलमान

*प्रवीण दुबे

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने पहली बार भारत को सीधे-सीधे खुली धमकी दी है। उसने बड़ी चतुरता से भारतीय मुसलमानों को हिंसा की तरफ प्रवृत्त करने के लिए एक भारतीय आतंकी मुस्लिम फहाद शेख को आगे करके भारत में मुस्लिमों की हत्याओं का बदला लेने का ऐलान किया है।


इस वीडियो के समाचार चैनलों पर सार्वजनिक होने के बाद देश में तमाम तरह की बहस छिड़ गयी है। एक बात जो सबसे ज्यादा कही जा रही है वह है कि अब मोदी क्या करेंगे? अब इसका जवाब सरकार कैसे देगी? लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आई एस को भारतीय मुसलमान मुंहतोड़ जवाब देंगे? भारत वह देश है जहां मुसलमानों ने कई बार देशभक्ति को सर्वोपरि माना है। भारत का स्वतंत्रता आंदोलन हो या फिर क्रूर मुगलों के अत्याचारों का विरोध, अनेक मुस्लिमों ने आगे आकर इस भारत माता के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी तक दे डाली। इतना ही नहीं यह वही भारत देश है जहां अब्दुल कलाम जैसे वैज्ञानिकों ने रक्षा क्षेत्र में भारत को अग्रणी देशों की कतार में लाकर खड़ा कर दिया। ऐसे देश में जब कोई मुस्लिम आतंकी संगठन यहां के मुसलमानों को भड़काने की कोशिश करता है तो इस देश की सरकार और सुरक्षा बलों से पहले इस देश के देशभक्त मुसलमानों को सर्वाधिक चिंता करने की जरूरत है। देश के तमाम देशभक्त मुस्लिम संगठनों तथा आम मुसलमानों को आगे आकर उसी लहजे में आई एस को वीडियो जारी कर जवाब देने की जरूरत है जैसा कि उसने किया है। यदि ऐसा होता है तो पूरी दुनिया में यह संदेश जाएगा कि भारत में रहने वाले मुसलमान देशभक्त हैं।

आश्चर्य की बात है कि ऐसे समय जब कुछ गद्दार और भारत विरोधी मुस्लिम युवक एक आतंकी संगठन के बैनर तले भारत को धमका रहे हैं उस वक्त आजम और ओवैसी जैसे तमाम मुस्लिम नेताओं की बोलती बंद क्यों हो जाती है। भारत का तमाम मुस्लिम नेतृत्व और तमाम देशभक्त मुसलमानों को ऐसे समय मुखरता के साथ आई एस का पुरजोर विरोध करके अपने देशभक्त होने का परिचय देना चाहिए। जहां तक आई एस की धमकी का सवाल है तो उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत को गजनी,गौरी, बाबर, औरंगजेब और सिकंदर जैसे मुगल लुटेरे और आक्रांता नहीं जीत सके तो इस पिद्दी से आतंकवादी संगठन की औकात ही क्या है।

एक बार यूनान के सिंकदर ने भी आई एस की तरह पूरी दुनिया को तलवार की दम पर जीतने की कोशिश की थी और उसे इसी भारत की धरती से हार मानकर वापस लौटना पड़ा था। भारत के मुस्लिम युवकों और यहां के मुसलमानों को भड़काने की यह आतंकी साजिश कभी सफल नहीं होने वाली। भारत के मुस्लिम युवक भली प्रकार यह जानते हैं कि आतंकवाद का न कोई धर्म होता है न मजहब। जिसने भी इस दिशा में कदम बढ़ाया उसका एक ही अंजाम होता है सिर्फ मौत।

Updated : 22 May 2016 12:00 AM GMT
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