तीन घण्टे चली बैठक, नतीजा शून्य, मामला कूनो अभयारण्य में बब्बर शेर लाने का
तीन घण्टे चली बैठक, नतीजा शून्य, मामला कूनो अभयारण्य में बब्बर शेर लाने का
ग्वालियर। श्योपुर जिले के कूनो-पालपुर वन्यप्राणी अभयारण्य में गुजरात के गिरि राष्ट्रीय उद्यान से बब्बर शेरों को लाने के लिए विशेषज्ञ समिति की चार बैठकें पूर्व में हो चुकी हैं और पांचवीं बैठक विगत 13 मई को हुई। पर्यावरण भवन वन मंत्रालय नई दिल्ली में करीब तीन घण्टे तक चली इस पांचवीं बैठक में भी कोई सार्थक नतीजा निकलकर सामने नहीं आया। बैठक में क्या चर्चा हुई और क्या परिणाम निकलकर सामने आए? इस सवाल पर मध्यप्रदेश वन विभाग के अधिकारी कोई संतोष जनक जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं।
यहां बता दें कि कूनो वन्यप्राणी अभयारण्य में गुजरात के गिरि राष्ट्रीय उद्यान के बब्बर शेरों को बसाने की योजना वर्ष 1996 से प्रस्तावित है। इस संबंध में एक याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने 15 अपै्रल 2013 को मध्यप्रदेश के हक में फैसला सुनाते हुए केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को कूनो अभयारण्य में बब्बर शेरों को बसाने की योजना पर छह माह में अमल करने का आदेश दिया था। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार एक विशेषज्ञ समिति भी गठित की गई थी, जिसकी निगरानी और मार्गदर्शन में गिरि राष्ट्रीय उद्यान से कूनो वन्यप्राणी अभयारण्य में बब्बर शेरों की शिफ्टिंग की जाना है। हालांकि इस मामले में गुजरात सरकार ने रिव्यू और क्यूरेटिव याचिका लगाकर अपना पक्ष रखा था, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दोनों ही याचिकाएं निरस्त कर दी गई थीं।
बताया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से एडीशनल डायरेक्टर जनरल फोरेस्ट ऑफ वाइल्ड लाइफ की अध्यक्षता में गठित 13 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की पिछली (चौथी) बैठक में कूनो अभयारण्य में बब्बर शेरों को बसाने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार कर गुजरात और मध्यप्रदेश सरकार को भेजा गया था। उक्त एक्शन प्लान पर अमल के लिए विगत 13 मई को विशेषज्ञ समिति की पांचवीं बैठक बुलाई गई थी, जिसमें मध्यप्रदेश की ओर से प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) भोपाल रवि श्रीवास्तव और मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) ग्वालियर विश्राम सागर शर्मा भी शामिल हुए। बताया गया है कि इस बैठक में कूनो अभयारण्य में कब, कैसे और कितने बब्बर शेर लाना है, सहित एक्शन प्लान के विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा हुई, लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बैठक में हुई चर्चा के आधार पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। 10 से 15 दिनों में जब बैठक का कार्यवाही विवरण आएगा, तभी पता चलेगा कि वास्तविक रूप से क्या निर्णय लिए गए हैं।
यह है एक्शन प्लान
* सबसे पहले मध्यप्रदेश और गुजरात सरकार के बीच मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) साइन होगा।
* बब्बर शेरों की शिफ्टिंग के लिए केन्द्र सरकार 69 करोड़ का बजट जारी करेगी।
*पहली खेप में कूनों में आठ से दस बब्बर शेर शिफ्ट किए जाएंगे।
* गिरि राष्ट्रीय उद्यान से कौन से बब्बर शेर कूनो अभारण्य में शिफ्ट किए जाएंगे। यह गुजरात वाइल्ड लाइफ विभाग के अधिकारी तय करेंगे।
* बब्बर शेरों को लाने से पहले कूनो अभ्यारण्य में बाड़े का निर्माण एवं खुफिया कैमरे स्थापित करने सहित सुरक्षा संबंधी सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जाएंगी।
* कूनों अभयारण्य में शिफ्ट होने वाले बब्बर शेरों की देखरेख में गुजरात के वन्यजीव विशेषज्ञ पूरी मदद करेंगे।
इनका कहना है
विशेषज्ञ समिति की बैठक में एक्शन प्लान के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई, लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ। बैठक का पूरा कार्यवाही विवरण प्राप्त होने के बाद ही पता चलेगा कि क्या-क्या निर्णय लिए गए हैं।
रवि श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक,
(वन्यजीव) भोपाल