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हर हाल में जारी रखें प्रतिदिन जलापूर्ति

जिलाधीश ने की पेयजल व्यवस्था की समीक्षा

ग्वालियर। मानसून आने तक शहर में पेयजल की आपूर्ति रोकी न जाए। वहीं उच्च न्यायालयों के निर्देशों का पालन पूरी तरह किया जाए। यह बात जिलाधीश डॉ. संजय गोयल ने शुक्रवार को नगर निगम पेयजल व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि शहर में पेयजल की आपूर्ति हर कीमत पर बनाए रखना है। इसके लिए नगर निगम सभी आवश्यक तैयारियां रखे। बैठक में नगर निगम आयुक्त अनय द्विवेदी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

कुएं,बावड़ी साफ कराने के निर्देश
जिलाधीश डॉ. संजय गोयल ने कहा कि नगर निगम गर्मी के बढ़ते तेवर में पेयजल की मांग को ध्यान में रखे। तिघरा जलाशय में वर्तमान में जिन क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति की जा रही है, उनमें से कुछ पानी की टंकियां अगर ट्यूबवेल के माध्यम से भरी जा सकती हैं तो उसकी योजना नगर-निगम करें। वहीं नवीन छह वार्डों में भू-जल स्तर अच्छा होने के कारण उनमें पेयजल की आपूर्ति आवश्यकतानुसार ट्यूबवेल व टैंकर के माध्यम से कराई जा सकती है। उन्होंने भविष्य में पानी की किल्लत को ध्यान में रखते हुए शहर के पुराने नदी, बावड़ी, कुंओं की साफ-सफाई कराने और रूफवाटर हार्वेस्टिंग विकसित करने के निर्देश भी दिए।

कम वसूली करने वालों पर करें कार्रवाई
बैठक में जिलाधीश ने जलकर वसूली की समीक्षा करते हुए कहा कि कम वसूली करने वाले उपयंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। वहीं पीएचई अमला संबंधित जोन कार्यालय के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करे। आयुक्त नगर निगम अनय द्विवेदी ने बताया कि वर्तमान में नगर निगम शहर की 13 लाख जनसंख्या को प्रतिदिन 7.5 एमसीएफटी पानी की आपूर्ति कर रहा है। इसके अलावा 1629 नलकूपों का उपयोग भी पेयजल आपूर्ति में किया जा रहा है। निगम ने मानसून की देरी की संभावना को ध्यान में रखते हुए आकस्मिक कार्य योजना भी बनाई गई है।

24 जुलाई तक पानी की आपूर्ति
अधीक्षण यंत्री मौर्य ने बताया कि नगर निगम द्वारा 51 पानी की टंकियों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाती है। तिघरा जलाशय के पानी पर निर्भरता कम करते हुए इनमें से 14 टंकियों को ट्यूबवेल के माध्यम से भरकर भी पानी की आपूर्ति की जा सकती है। वर्तमान में तिघरा जलाशय का जल स्तर 738 फीट है। जिसमें से डेड स्टोरेज को छोड़कर भी 24 जुलाई तक पानी की आपूर्ति की जा सकती है। नगर निगम द्वारा विपरीत परिस्थितियों में मानसून की देरी को दृष्टिगत रखते हुए आकस्मिक कार्य योजना भी तैयार की गई है।

निगम ने बनाई आकस्मिक कार्य योजना
मानसून समय पर आने की स्थिति में शहर की पेयजल व्यवस्था को बनाए रखने के लिए नगर निगम ने साढ़े 19 करोड़ रूपए की कार्य योजना तैयार की है, जो दो चरणों में होगी। प्रथम चरण में इस पर साढ़े 6 करोड़ रूपए तथा द्वितीय चरण में 12 करोड़ 96 लाख रूपए का खर्च संभावित है। प्रथम चरण में शहर में 100 नलकूपों के खनन, पेयजल परिवहन, नलकूप, मोटर पम्प, विद्युत कार्य सहित अन्य कार्यों पर लगभग 6 करोड़ 55 लाख रूपए खर्च होने तथा द्वितीय चरण 20 जुलाई के बाद अवर्षा की स्थिति में ककेटो पहसारी बांध के डेड स्टोरेज से पानी की आपूर्ति किए जाने पर लगभग 12 करोड़ 96 लाख रूपए का व्यय संभावित है।

Updated : 14 May 2016 12:00 AM GMT
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