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बीमारियों को आस-पास भटकने भी नहीं देंगे ये पौधे

बीमारियों  को आस-पास भटकने भी नहीं देंगे ये पौधे
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बीमारियों को आस-पास भटकने भी नहीं देंगे ये पौधे


शोध कहते हैं अपने आसपास फूल-पौधों की मौजूदगी तन, मन और काम करने की क्षमता पर भी असर डालती है। पौधे केवल मानसिक सेहत पर असर नहीं डालते, इसका शारीरिक सेहत पर भी असर पड़ता है। घर के भीतर लगे पौधों से रूखी त्वचा, जुकाम, गले में खराश और सूखी खांसी आदि की परेशानी कम होती है। पौधे रक्तचाप नियंत्रित रखते हैं, तनाव कम होता है, हवा शुद्ध होती है और फेफडों की कार्यक्षमता बढ़ती है...



मनी प्लांट- एक ऐसा पौधा, जो बेकार पड़ी बोतल तक में उगाया जा सकता है। आप उससे लटकने वाला पॉट बना सकते हैं, बाथरूम, रसोई या कमरे की किसी खिड़की के किनारे लगा सकते हैं। मनी प्लांट फॉर्मलडिहाइड व अन्य प्रदूषणकारी तत्वों को सोख लेता है। इसी तरह यह कारों से निकलने वाले बेंजीन नाम के केमिकल को भी सोखता है, जो सिर चकराने, बेचैनी व सिरदर्द का कारण बन सकता है। ये पौधा छाया में अच्छा बढ़ता है।

लिली- इस पौधे के रख-रखाव पर अधिक खर्च नहीं करना पडम्ता। छायादार जगह पर यह तेजी से बढ़ता है। इसी कारण इन्हें ऑफिस में रखना अधिक पसंद किया जाता है। इससे फॉर्मलडिहाइड से निजात मिलती है, जो अस्थमा अटैक व एलर्जी रिएक्शन का कारण बनता है। लिली के पौधे में सप्ताह में एक बार पानी देना पर्याप्त है। बढ़ने के लिए उसे थोड़ी सी रोशनी की जरूरत होती है।

डेंडरोबियम- अगर आप ऑर्कीड पसंद करते हैं तो डेंडरोबियम को चुनें, जो साल भर खिलता है। इसमें सफेद, पीले व बैंगनी रंग के फूल आते हैं। ऑर्कीड को लगाना बहुत आसान है, जो हवा प्रदूषकों जैसे जायलीन और टॉल्यूइन को दूर करता है। यह कम रोशनी में भी जिंदा रह सकता है।

बैंबू पाम- बैंबू यानी बांस वायु को फॉर्मलडिहाइड समेत अन्य प्रदूषकों जैसे बेंजीन व ट्राइक्लोरोथाइलीन से मुक्त करता है। ये हवा में नमी देता है, जो कि खासतौर पर शुाक व वातानुकूलित कमरों के लिए बहुत अच्छा रहता है। चूंकि इस पौधे को सूरज की रोशनी अच्छी लगती है, ऐसे में इसके लिए ऐसी जगह चुनें जहां थोड़ी सी रोशनी आती हो।

तुलसी- तुलसी को ऑक्सीजन उत्पादक माना जाता है। इस मायने में यह पौधा किसी भी एयर प्यूरिफायर से बेहतर काम करता है। 24 में से 20 घंटे यह पौधा ऑक्सीजन छोड़ता। तुलसी का पौधा कार्बनमोनोऑक्साइड, कार्बन डाईऑक्साइड व सल्फर डाईऑक्साइड सोखता है।

एलोवेरा- त्वचा के लिए अच्छा होने के साथ-साथ जले हुए भाग को भी ठंडक पहुंचाता है। ये हवा से ऐसटोन, एमोनिया व ईथाइल एसिटेट समेत कई तरह के टॉक्सन भी सोख लेता है। साफ-सफाई में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक प्रोडक्ट में पाए जाने वाले फॉर्मलडिहाइड को भी शुद्ध करता है। इसकी पत्तियों से निकलने वाला पारदर्शी जेल सीधा भी खाया जा सकता है, जो लिवर को फायदा देता है।

Updated : 13 May 2016 12:00 AM GMT
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