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नपा प्रशासन ही संभालेगा पेयजल परिवहन, हम करेंगे सहयोग

भाजपा पार्षदों ने सौंपा ज्ञापन, कहा पार्षदों के पास कभी नहीं थी पेयजल व्यवस्था

शिवपुरी। पेयजल परिवहन व्यवस्था नपा प्रशासन के जिम्मे रहे या पार्षद इसे संभालें। इसके बारे में भ्रमपूर्ण स्थिति निर्मित हो गई है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी रणवीर कुमार का कहना है कि पेयजल परिवहन व्यवस्था हमने पार्षदों को सौंप दी है और पार्षद पूर्व की तरह इस काम को करते रहेंगे। इसके जवाब में पूर्व नपा उपाध्यक्ष और पार्षद भानू दुबे ने सीएमओ को जवाब दिया कि वह यह तो बतायें कि पेयजल परिवहन व्यवस्था पार्षदों के पास थी कब। भाजपा पार्षद प्रशासन और नपा प्रशासन को ज्ञापन सौंपने जा रहे हैं।

ज्ञापन में कहा गया है कि हम भाजपा पार्षदगण प्रशासन और नगरपालिका द्वारा पेयजल परिवहन के संबंध में बनाई गई नीति से पूर्ण सहयोग करने को तैयार हैं। भाजपा पार्षदों के इस ज्ञापन पर भानू दुबे, विष्णु राठौर, नीलम बघेल, सरोज धाकड़, संजय परिहार, अरूण पंडित, रेखा परिहार, लालजीत आदिवासी, चन्द्रकुमार बंसल, बलबीर यादव, सुरेन्द्र रजक, हरिओम नरवरिया, ममता खटीक, विजय खन्ना, गौरव चौबे, किरन खटीक, राजकुमारी कुशवाह, मालती जैन और भानू प्रकाश दुबे के हस्ताक्षर हैं।

एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है यह कहावत नगरपालिका शिवपुरी के पार्षदों पर पूरी तरह लागू हो रही है। जल परिवहन व्यवस्था को कतिपय पार्षदों ने अपनी जेब भरने का माध्यम बना लिया है। पेयजल परिवहन में कुछ चुनिंदा पार्षदों ने अपने टेंकर ठेकेदार से सांठ गांठ कर लगा रखे हैं और प्रतिमाह हजारों रूपए की वह अवैध कमाई कर रहे हैं। खास बात यह है कि भ्रष्टाचार के इस खेल में कुछ कांग्रेस पार्षदों के साथ-साथ भाजपा के कुछ पार्षद भी शामिल हैं और यही भ्रष्टाचार उन्हें एक रखे हुए हैं। इस बात को स्वीकार भाजपा पार्षद भानू दुबे और कांग्रेस के नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा दोनों करते हैं। उन भ्रष्ट पार्षदों के निहित हितों के कारण वार्डों में पेयजल व्यवस्था प्रभावित हो रही है और यह आरोप भी लग रहे हैं कि भ्रष्ट पार्षद पानी के टेंकरों को बेच भी रहे हैं। इन आरोपों के मददेनजर यशोधरा राजे सिंधिया ने पेयजल परिवहन व्यवस्था से पार्षदों को अलग करने का निर्णय लिया और आदेशित किया कि पेयजल परिवहन की पूरी जिम्मेदारी नपा प्रशासन की होगी। पार्षदों का काम सिर्फ यह होगा कि वह अपने वार्ड में प्रभावित इलाकों की जानकारी नपा अधिकारियों को दें ताकि उन इलाकों में पेयजल सप्लाई की जा सके। पेयजल व्यवस्था में यदि खामियां होगीं तो उसकी जिम्मेदारी भी नपा प्रशासन की होगी।

इस निर्णय से उन भ्रष्ट पार्षदों के होश उड़ गए जो पेयजल परिवहन के नाम पर लाखों रूपए कूट रहे थे। इस दवाब के फल स्वरूप भाजपा पार्षदों ने पहले सीएमओ रणवीर कुमार की घेराबंदी की और उन्हें खरीखोटी सुनाई। इसके बाद पीआईसी सदस्य कांग्रेस पार्षद आकाश शर्मा ने पर्चे छपबा कर अपने वार्ड के घरों की दीवारों पर चस्पा कर दिये थे। जिसमें लिखा गया था कि पानी के लिए कलेक्टर, एसडीएम और नपा अधिकारियों से संपर्क करें। उनके फोन नम्बर भी पर्चे में दिये गए थे। पार्षदों के इस रूख से संदेश यह गया कि पेयजल व्यवस्था उनके हाथों से खींचे जाने के कारण वह व्यथित हैं। इसके बाद नपा प्रशासन ने यूटर्न लिया और कहा कि पार्षदों के पास ही पेयजल परिवहन व्यवस्था रहेगी। लेकिन इससे कहीं न कहीं यशोधरा राजे की मंशा की अवहेलना भी समझ में आ रही थी। इसी कारण भाजपा पार्षदों ने अचानक बैठक बुलाकर निर्णय लिया कि पेयजल व्यवस्था में वह प्रशासन का सहयोग करने के लिए तत्पर हैं।
उन्होंने प्रशासन से अपील की कि हमारी टेंकर ठेकेदार से पानी वितरण के संबंध में कोई भागीदारी नहीं मानी जाये। टेंकर के भुगतान तथा जांच से संबंधित सभी बिन्दुओं की जिम्मेदारी प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारियों पर ही होगी। हमारा काम तो सिर्फ यह देखना है कि वार्ड में पानी का वितरण हो रहा है अथवा नहीं।

Updated : 5 March 2016 12:00 AM GMT
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