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मैं बचपन से ही भारत से नफरत करता थाः हेडली

मैं बचपन से ही भारत से नफरत करता थाः हेडली
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मुम्बई| आतंकी डेविड कोलमेन हेडली ने मुम्बई की एक अदालत के सामने कहा है कि वह बचपन से भारत एवं भारतीयों से नफरत करता था। यही वजह थी कि वह आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ।

पाकिस्तानी मूल के इस अमेरिकी आतंकी ने बताया कि उसे 7 दिसंबर 1971 के बाद से ही भारत औऱ भारतवासियों से नफरत हो गई थी, जब भारतीय विमानों ने उसके स्कूल पर हमला किया था। भारत-पाक युद्द के दौरान अपने स्कूल को बम से उड़ाए जाने के बाद से ही उसने भारतीयों से बदला लेने के लिए ही आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने की ठान ली थी। उस वक्त वह उम्र 11 साल था।

हेडली ने अदालत में अपने क्रॉस एक्‍जामिनेशन के तीसरे दिन एक और खुलासा करते हुए कहा कि उसके पिता रेडियो पाकिस्तान में महानिदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए थे और जब उनका निधन हुआ था तो पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी उसके पाक स्थित घर पर गए थे। हेडली ने कहा कि उसके पिता लश्कर के साथ उसके संबंधों के बारे में जानते थे और वह इससे खुश नहीं थे। मुंबई पर 26/11 में हुए आतंकी हमलों के मामले में गवाह बने 55 वर्षीय हेडली ने हेडली ने बताया कि उसने अमेरिका में शिवसेना के लिए चंदा जुटाने के लिए एक कार्यक्रम की व्यवस्था की थी। उसका मकसद पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष बाल ठाकरे को उस आयोजन में बुलाने की थी। साथ ही वह शिवसेना के कई अन्‍य नेताओं को भी बुलाना चाहता था। हेडली ने कहा कि हां, लेकिन वह शुरुआती चरणों में थी। शिवसेना के एक व्यक्ति राजाराम रेगे ने उसे बताया था कि ‘ठाकरे बीमार हैं और इसलिए शायद उनका पुत्र और अन्य अधिकारी कार्यक्रम में शिरकत कर सकते हैं।’

आतंकी हमलों में अपनी भूमिका के चलते दोषी करार दिया गया आतंकी हेडली अमेरिका में 35 साल की कैद काट रहा है। उसने इस बात से इंकार किया है कि वह वर्ष 1988 से 2008 तक लगातार अमेरिकी जांच अधिकारियों के संपर्क में था। उसने इन आरोपों से भी इंकार कर दिया कि अमेरिकी एजेंसियां उसे धन मुहैया करवा रही थीं।

Updated : 25 March 2016 12:00 AM GMT
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