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पैसे देने के बाद भी सामान पहुंचाने की कोई गारंटी नहीं

पैसे देने के बाद भी सामान पहुंचाने की कोई गारंटी नहीं
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ग्वालियर। ग्वालियर रेलवे स्टेशन के पार्सल विभाग में यात्रियों से पार्सल पैकिंग से लेकर लोडिंग-अनलोडिंग तक मनमाने तरीके से वसूली की जा रही है। स्टेशन पर कर्मचारी होने के बावजूद हम्माली का काम निजी एजेंटों के हाथों में है। इस वजह से हर व्यवस्था के अलग रेट हैं। यदि आपको पार्सल भेजना है तो पहले उसकी पैकिंग और बाद में ट्रेन में लोड करने के लिए पार्सल की कीमत से हटकर एजेंटों द्वारा तय की गई राशि भी चुकाना होगी। इतना ही नहीं, मनमाने पैसे देने के बाद भी यात्रियों का सामान सुरक्षित पहुंचाने और उतारने की कोई गारंटी नहीं है।

हर काम के लिए देना पड़ती है कीमत
रेलवे पार्सल विभाग में बगैर कीमत के कोई काम नहीं होता है। यहां सामान उतारने से चढ़ाने और पार्सल को गोदाम में लोड करने तक हर काम की तय राशि से ज्यादा कीमत चुकाना पड़ती है। सूत्रों की मानें तो यहां पार्सल विभाग के कुछ हम्मालों को मनमाने ढंग से किसी और काम में लगा रखा है।

दलालों के भरोसे पार्सल विभाग
स्टेशन पर काम करने के अधिकृत हम्मालों की अपेक्षा निजी हम्माल ज्यादा दिखाई देते हैं। इनके द्वारा की जा रही अवैध वसूली से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं दलालों का कहना है कि हम केवल अपने ट्रांसपोर्ट का ही सामान उतारते हैं, जो बाहर से आता है। हम स्टेशन पर सामान उतारने के लिए अधिकृत नहीं हैं।

यह है रेट लिस्ट
दोपहिया वाहन की पैकिंग- 150 से 250 रुपए तक
लोडिंग- 100 से 200 रुपए तक
सामान गोदाम तक पहुंचाने- 100 रुपए

इनका कहना है

जिन यात्रियों को दोपहिया वाहन अगर बाहर भेजना है, तो वह खुद ही अपने वाहन को पैक करके पार्सल गोदाम भेजे। अगर यात्री अपने वाहन को पैक करके नहीं लाता है, तो उसका वाहन बुक नहीं किया जाएगा। पार्सल विभाग की पैकिंग करने की कोई जिम्मेदारी नहीं है।

गिरीश कंचन
जनसम्पर्क अधिकारी
झांसी मंडल

Updated : 14 March 2016 12:00 AM GMT
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