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फर्जी यात्री लेकर तीर्थदर्शन ट्रेन रवाना

फर्जी यात्री लेकर तीर्थदर्शन ट्रेन रवाना
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'स्वदेश' ने पकड़ा फर्जीवाड़ा तो दतिया में उतारे तीन यात्री


ग्वालियर। धनाभाव के कारण तीर्थ यात्रा नहीं कर पाने वाले प्रदेश के बुजुर्गों को मुफ्त में तीर्थ कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई तीर्थदर्शन योजना में ग्वालियर में फर्जीवाड़ा हो रहा है। इस व्यवस्था को संभालने वाले कर्मचारियों द्वारा लॉटरी सिस्टम से निकाली गई सूची में शामिल बुजुर्गों को दुत्कार कर भगा दिया जाता है जबकि दर्जनों फर्जी लोगों से सांठगांठ कर उन्हें यात्रा में भेजा जा रहा है।

गुरूवार 9 मार्च को ग्वालियर से रामेश्वरम् के लिए रवाना हुई तीर्थदर्शन विशेष रेलगाड़ी में फर्जी तरीके से भेजे जा रहे कुछ यात्रियों को 'स्वदेश' संवाददाता ने जैसे ही अपने कैमरे में कैद किया तथा अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी ली तो अधिकारियों ने तुरंत फोन लगाकर तीन फर्जी यात्रियों को दतिया पर उतार दिया। सूत्रों का कहना है कि कम्प्यूटर से निकली वास्तविक सूची से यात्रा में गए लोगों का मिलान किया जाए तो करीब डेढ़ सैकड़ा से अधिक यात्री फर्जी निकलेंगे।
बुजुर्गों को दुत्कार कर भगाया:-
रामेश्वरम् यात्रा की सूची एवं प्रतीक्षा में शामिल कई ऐसे बुजुर्ग यात्रियों को रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्र. 4 से दुत्कार कर भगा दिया गया, जिनके सूची अथवा प्रतीक्षा सूची में नाम थे। वहीं कई ऐसे लोगों के परिचय पत्र बनाकर उन्हें टे्रन में बैठाकर रवाना किया गया, जिनके नाम न तो सूची में शामिल थे और न ही यात्रा के लिए पात्र थे। त्वरित परिचय पत्र बना रहे सम्बन्धित लिपिक से जब बुजुर्गों ने सूची में नाम होने पर भी टिकट नहीं बनाने का कारण पूछा तो बाबू ने इन्हें अधिकारियों के माध्यम से उन पर शासकीय कार्य में बाधा की कार्रवाई करवाने की धमकी देकर फटकार लगाई। इसके बाद भ्रष्ट शासकीय तंत्र को गालियां देते हुए बुजुर्ग रवाना हो गए।

असली सूची छुपाईजारी की पुरानी सूची
मुख्यमंत्री की पुण्य कमाने की मंशा को सिर्फ बाबुओं के स्तर पर कमाई का जरिया नहीं बनाया गया है बल्कि अधिकारी भी इन्हें पूरा सहयोग करते हैं। इसका अंदाजा ग्वालियर जिला प्रशासन की एनआईसी साइट पर पड़ी सूची को देखकर लगाया जा सकता है। एनआईसी पर 9 मार्च 2016 की सूची को क्लिक करने पर उसमें 3 सितम्बर 2015 से 8 सितम्बर 2015 के बीच की रामेश्वरम् यात्रा की सूची दिखाई पड़ रही है। यह बात विगत 4 दिन पूर्व अधिकारियों के संज्ञान में लाई गई फिर भी सूची नहीं बदली गई। इस पुरानी सूची में अपना नाम नहीं पाकर कई यात्री रेलवे स्टेशन ही नहीं पहुंचे। इन खाली हुई सीटों का फर्जी तरीके से बंदरबांट कर दिया गया।

पहले टिकट तैयार किए फिर नाम बोले
43 नामों की प्रतीक्षा सूची में से किन यात्रियों को भेजा जाना है, परिचय पत्र तैयार करने वाले कर्मचारी पहले से जानते थे। जिन्हें भेजा जाना था उनके टिकट पहले ही तैयार कर लिए गए थे जबकि शेष प्रतीक्षा सूची को क्रमांक 15 तक माइक पर बोलने के बाद सूची पढ़ी ही नहीं गई। बोले गए नामों वाले कुछ यात्री परिचय पत्र बनवाने पहुंचे तो उन्हें मना कर दिया गया। ऐसे यात्री अधिकारियों से शिकायत तो करना चाहते थे लेकिन उस स्थान पर एक भी अधिकारी मौजूद नहीं था।

चश्मा वाले भैया ने बनवाया मेरा टिकट
रामेश्वरम् जाने वाले यात्रियों की सूची एवं प्रतीक्षा में नाम नहीं होने पर भी कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों की सांठगांठ से फर्जी तरीके से पास बनाकर ट्रेन के एस-6 कोच की बर्थ क्र. 31 पर यात्रा पर भेजी जा रही हरेशिव मैरिज गार्डन के सामने अपार्टमेंट में रहने वाली श्रीमती रजनी/अरुण अग्रवाल से जब फोन पर पूछा गया कि वह सूची में नाम आए बिना कैसे जा पा रही हैं, तो उन्होंने कहा कि उनका टिकट तो किन्हीं दिनेश निगम ने चश्मा वाले बाबू से बनवा दिया है। किसी पत्रकार ने ट्रेन में फोटो खींच लिया तो हमें दतिया में ट्रेन से उतार दिया गया।


कलेक्टर से करूंगा शिकायत

प्रतीक्षा सूची का टिकिट कन्फर्म हुए बिना किसी कर्मचारी के आश्वासन पर तीर्थदर्शन ट्रेन में एस-6 कोच के बर्थ क्र. 32 पर यात्रा कर रहे शुभूदयाल निवासी लक्ष्मण तलैया को भी अधिकारियों ने फर्जी बताते हुए दतिया में उतार दिया। इस बुजुर्ग का कहना था कि उसे नहीं ले जाना था तो ट्रेन में कोच आवंटित क्यों किया और दतिया ले जाकर क्यों उतारा। वह इस बात की शिकायत कलेक्टर से करेंगे। उन्होंने बताया कि रजनी और उनके अलावा एक अन्य यात्री को भी दतिया में ट्रेन से उतारा गया।

इनका कहना है

''फर्जी यात्री भेजे जाने संबंधी सटीक प्रमाण आप उपलब्ध कराएंगे तो निश्चित ही गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई करेंगे। अगली यात्रा में परिचय पत्र स्थल पर अधिकारी को बैठाने की भी व्यवस्था की जाएगी जो गड़बड़ी की शिकायतें सुन त्वरित निराकरण करेंगे।''
संजय गोयल
जिलाधीश, ग्वालियर

''फर्जी यात्री भेजे जाने के प्रमाण भेजिए हम जांच के बाद संबंधितों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई करेंगे। चूंकि मैं 4-5 दिन से ओला प्रभावित क्षेत्रों में व्यस्त रहा, इस कारण इस व्यवस्था को देख नहीं सका। ऑनलाइन डाली गई सूची फर्जी होने पर जांच कर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे।''
एच.बी.शर्मा, डिप्टी कलेक्टर
(प्रभारी माफी शाखा)as

Updated : 11 March 2016 12:00 AM GMT
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