दबोह नगर परिषद में- सफाई के नाम पर लाखों के बारे-न्यारे
दबोह। भारत सरकार के द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान के मद्देनजर दबोह नगर परिषद में सफाई के नाम पर लाखों रुपए का प्रति माह भुगतान किया जाता है। लेकिन फिर भी नगर सफाई व्यवस्था से काफी दूर नजर आता है नगर परिषद के द्वारा आए दिन नगर में जेसीबी चलती हुई नजर आती है जिसका भुगतान 800 रुपए से लेकर एक हजार रुपए प्रति घण्टे के हिसाब से किया जाता है। जबकि नगर परिषद में 15 स्थाई कर्मचारी तथा 42 अस्थाई कर्मचारी सफाई के नाम पर काम करते हैं जिनका भुगतान एक लाख 80 हजार रुपए प्रति माह किया जाता है जबकि इतनी बड़ी राशि सफाई के नाम पर जिले में प्रति माह कहीं भी खर्च नहीं होती है।
चूंकि नगर में सफाई की जिम्मेदारी सफाई कर्मचारियों की होती है फिर भी नगर में आएदिन नालों, गलियों में परिषद के द्वारा जेसीबी चलाई जाती है। इससे स्पष्ट लगता है कि जेसीबी के नाम पर नगर परिषद प्रशाशन लाखों रुपयों का गोल-माल करने में लगे हुए हैं। यहां बता दें कि नगर परिषद के द्वारा एक ही जेसीबी से काम कराया जा रहा है सूत्रों की माने तो जेसीबी के मालिक कांग्रेसी मुखिया के खास समझे जाते हैं। नगर में सफाई के लिए जेसीबी लगाने के लिए जेसीबी मालिको से कुटेशन मांगे जाते हैं लेकिन इस नगर परिषद में ऐसा कुछ नहीं किया गया, जेसीबी के द्वारा ट्रेक्टरों में दल-दल भरकर नगर के बाहर ले जाया रहा है जिससे समूचे नगर में गंदगी ही गंदगी दिखाई दे रही है। जिससे आमजन का निकलना दूभर हो रहा है।
वहीं दूसरी ओर नगर में प्राचीन इमारत धराशाही हुई जिसके बिल्डिंग मटेरियल को नगर परिषद ने रोड के दोनों तरफ डलवा दिया है जिससे आए दिन रोड पर जाम की स्तिथि बन रही है नगर परिषद ने इस बिल्डिंग मटेरियल के नाम पर हजारों रुपए ट्रालियों के हिसाब से भुगतान कर लिया है जबकि कुछ जगह पर ही सड़क के दोनों तरफ ही भराव किया है।
इनका कहना है
मैं अभी बैठक में हूं मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नही हैं।
नाथूराम खेंगर, मुख्य नपाधिकारी
नगर के मुख्य बाजार में जेसीबी से जो सफाई का कार्य चल रहा है उससे नगर में गंदगी का माहौल फैला हुआ है जिससे सभी आने-जाने वालों को बदबू से असुविधा हो रही है।
मंगेश कोठारी, दुकानदार
जेसीबी के द्वारा चल रही सफाई से पुरे नगर में गंदगी फैली हुई है जबकि यह सफाई बरसात के दिनों में होनी चाहिए।
अवधेश गुप्ता, दुकानदार