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नपा के अंतिम कार्यकाल में दैवेभो को बांटा वेतन

विधानसभा में सत्यपाल ने उठाया मामला, किसी पर कोई कार्रवाई नहीं होगी

मुरैना। मुरैना नगर निगम बनने से पूर्व मुख्य नगर पालिका अधिकारी व कलेक्टर ने मिलकर 49 कर्मचारियों को दैनिक वेतन पर रखा था, जिन्हें 8 जनवरी 15 से नवम्बर 15 तक 27 लाख 80 हजार 535 रुपए की राशि वेतन के रूप में बांटी गई।


उक्त मामला विधानसभा में एक प्रश्न के माध्यम से सुमावली विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार ने उठाया था जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी व डिप्टी कलेक्टर ने कलेक्टर की स्वीकृति से दैनिक वेतन भोगियों की नियुक्ति की थी। इसलिए किसी के विरुद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नही होता।विधायक सत्यपाल सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से एक प्रश्न के माध्यम से जानना चाहा था कि नगर पालिका के कार्यकाल की समाप्ति एवं नगर निगम परिषद के गठन के पूर्व नगर पालिका प्रशासक द्वारा कितने दैनिक वेतन भोगियों को नियुक्त किया गया और उन्हें इस दौरान कितनी राशि वेतन के रूप में दी गई। इसके साथ ही उन्होंने यह भी सबाल किया था कि नियुक्तियों का अनुमोदन किसने किया और शासन के धन का अपव्यय हुआ है, तो दोषी कौन है और उन पर क्या कार्यवाही होगी।


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उपरोक्त सबाल का जवाब देते हुए बताया कि नगर पालिका परिषद के कार्यकाल की समाप्ति एवं निगम के गठन से पूर्व 49 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी 8 जनवरी 2015 को कलेक्टर की स्वीकृति से तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी व डिप्टी कलेक्टर द्वारा नियुक्त किए गए जिन्हें नबम्बर 2015 तक 27 लाख 80 हजार 535 रु. का भुगतान वेतन के रूप में किया गया। चूंकि सीएमओ ने जिलाधीश के अनुमोदन से उक्त नियुक्तियां की थीं इसलिए किसी के विरुद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।


वनखण्डी रोड के डिजाइन परिवर्तन का मामला भी विधानसभा में उठा
सुमावली विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार ने वनखण्डी रोड व महादेव नाके से मंडीगेट तक रोड निर्माण के चौड़ीकरण, डामरीकरण, डिवाइडर, फुटपाथ, साइड्रेन, विद्युतीकरण के लिए तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति संचालनालय नगरीय प्रशासन द्वारा दी गई। जिसमें किये गये परिवर्तन का मुद्दा उठाया। उक्त प्रश्न के जबाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि 566.19 लाख की स्वीकृति दी गई थी। जिसका कार्यादेश 7.11.14 के अनुसार 11 माह में काम पूरा करने के लिये दिया गया था जिसकी अवधि 8 माह बढ़ाई गई। स्वीकृति के मुताबिक प्लान में कोई बडा परिवर्तन नही किया गया, आंशिक परिवर्तन हुआ। उक्त मामले में भी किसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करने का सवाल पैदा नही होता।

Updated : 26 Feb 2016 12:00 AM GMT
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