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बीएचयू के दीक्षांत समारोह में छात्रों से बोले मोदीः नए अविष्कार करें, कट पेस्ट से ठीक नहीं

बीएचयू के दीक्षांत समारोह में छात्रों से बोले मोदीः नए अविष्कार करें, कट पेस्ट से ठीक नहीं
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वाराणसी | बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के 100 साल होने पर आज दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों से आह्वान किया कि आप नए नए आविष्कार करें। कट कॉपी पेस्ट से दुनिया का विकास नहीं होगा। उन्होंने छात्रों से कहा आज दीक्षांत समारोह पर आप बड़े बड़े सपने देखें। दुनिया को कुछ नया देने का प्रण ले बीएचयू।


मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, भारत में योग नई बात नहीं। लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने जैसे ही इसको मान्यता दी आज पूरी दुनिया इसकी मुरीद हो गई। उन्होंने कहा, दीक्षांत समारोह में शिक्षा के आरंभ का समारोह होना चाहिए। बीएचयू में पढ़ना गौरव की बात। जीवन कभी मुरझाना नहीं चाहिए। कभी कभी तो मैं सोचता हूं कि मुरझाने के बजाए मर जाना बेहतर होगा। जब जीवन में कभी अंधेरा छा जाता है तो यही ज्ञान हमें प्रकाश का मार्ग देता है। अपनी परंपरा पर गौरव करना चाहिए।


इस मौके पर उन्होंने कहा, क्यों न हमारे विद्यार्थी आने वाले युगों के लिए विश्व को कुछ देने के सपने देखे। मैं चाहूंगा कि बीएचयू से निकल रहे छात्रों के दिमाग में यह भाव हमेशा रहना चाहिए, कि मैं कुछ ऐसा कर के जाऊं कि आने वाली पीढ़ी मुझे याद रखे। नए नए अनुसंधान के लिए कट पेस्ट वाली दुनिया से काम नहीं चलेगा। इनोवेशन करने की इच्छा हमेशा होना चाहिए।


जलवायु परिवर्तन पर बोलते हुए मोदी ने कहा, हमारे यहां मां बेटे को संस्कार देती है, सूरज तेरा दादा है, चांद तेरा मामा है। हमारे संस्कार प्रकृति को इंसान से जोड़ती है। हम भारत को जलवायु परिवर्तन से उपाय सुझा सकते हैं क्या। पहली बार दुनिया के 122 देश जहां साल में 300 दिन सूरज का प्रकाश दिखता है वहां का संगठन बनाया गया है। ये सौभाग्य भारत को मिला है। सपने बहुत बड़े देखने चाहिए। अपने लिए तो सभी जीते हैं सपने के लिए बहुत कम जीते हैं।

Updated : 22 Feb 2016 12:00 AM GMT
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