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फर्जी आईडी वाले युवक पुलिस रिमाण्ड पर

मामला वायुसेना क्षेत्र में घुसने के प्रयास का

ग्वालियर। महाराजपुरा वायुसेना क्षेत्र में फर्जी आईडी और नाम छिपाकर घ्ुासने का प्रयास करते पकड़े गए दो युवकों को पुलिस ने न्यायालय में पेश कर दो दिन की रिेमांड पर ले लिया है।
महाराजपुरा वायुसेना परिसर के द्वार पर दो संदेहियों को सुरक्षा कर्मियों ने सोमवार को उस समय पकड़ लिया था जब वह मजदूरी करने के बहाने अदंर घुसने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने पकड़े गए असगर और फिरोज निवासीगण सिहोनियां मुरैना को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। पूछताछ के दौरान संदेही फिरोज और असगर ने बताया है कि वह मजदूरी करते हैं। पुरानी छावनी थाना क्षेत्र की द्वारिकापुरी में असगर किराए से रहता है उसके गांव का रहने वाला सतीश तोमर भी वहीं रहता है। थाना प्रभारी दीपक यादव का कहना है कि असगर पड़ोस में रहने वाले बीसीए के छात्र सतीश तोमर की आईडी उसकी दादी से मांगकर लाया था। प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस दोनो संदेहियों को बेकसूर मान रही है, जबकि वह हाई सिक्यूरिटी वाले क्षेत्र में झूठ और साक्ष्यों से छेडख़ानी कर अंदर घ्ुासने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस की पूछताछ और जो जानकारी थाना प्रभारी दे रहे हैं उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मामले को ज्यादा गंभीरता से नही लिया जा रहा, जबकि देश में लगातार आंतकी घटनाएं हो रही हैं। फिलहाल दोनो संदेहियों से पूछताछ की जा रही है।
ज्यादा मजदूरी का बहाना बनाया
पुलिस का कहना है कि असगर और फिरोज मजदूरी करने का काम करते हंै। उनको शहर में कहीं पर भी सारा दिन काम करने के ढाई सौ रुपए मिलते हं, जबकि एयरफोर्स में काम करने पर साढ़े तीन सौ रुपए मेहनताना मिलता है। उन्हे यह जानकारी किसने दी और वह साक्ष्य छिपाकर अंदर घुसने का प्रयास क्यों कर रहे थे। पुलिस के सामने दोनों संंदेही ज्यादा मजदूरी का बहाना बता रहे हैं, जबकि सच्चाई कुछ और है। असगर को पहले से पता था कि आईडी मांगी जाती है। फर्जी आईडी लेकर घुसने का प्रयास करते पकड़े गए असगर और फिरोज को क्या पहले से पता था कि अदंर जाने के लिए आईडी की जरूरत पड़ती है। यही प्रश्न दोनों पर संदेह बढ़ा रहा है और वह संदेह के घ्ेारे में है। जब उन्हे पता था तो फिर फर्जी आईडी लेकर क्यों गए। पुलिस को असगर और फिरोज गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं जबकि मामला गंभीर भी हो सकता है। दूसरे धर्म का होने के कारण उनसे ज्यादा पूछताछ करने के कारण उन्हांने किसी तरह सतीश और अर्जुन की आईडी ले ली थी। लेकिन उनकी चालाकी पकड़ी गई और अब वह अपने को बेगुनाह साबित करने के लिए पुलिस को गुमराह कर रहे हंै।
ऐसे पकड़ा गया फिरोज
पुलिस का कहना है कि लाइन में लगे फिरोज से जब सुरक्षा कर्मी ने उसका नाम पूछा तो उसने अरविंद बता दिया। जबकि अरविंद उसके आगे लगा जब आईडी मांगी गई तो फिरोज सकपका गया और अपना नाम फिरोज बताने लगा। सुरक्षा कर्मी ने फिरोज को लाइन से अलग कर खड़ा कर दिया जबकि असगर फर्जी आईडी के साथ पहले ही पकड़ा जा चुका था। यह जानकारी पुलिस ने दी है। दोनो संदेिहयों पर पुलिस यकीन करने से पहले पुख्ता सबूत जुटा रही है।
संदेह इसलिए भी
फिरोज और असगर का कहना है कि वह लम्बे समय से मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं तो फिर उन्हें इतने दिनों से यह जानकारी क्यों नही लगी कि एयरफोर्स में एक दिन की दहाड़ी तीन सौ रुपए से ज्यादा है। वो रविवार छुट्टी के ही दिन काम करने के लिए क्यों गए। ऐसे कई्र प्रश्न हैं जो असगर और फिरोज को शंका के घेरे में खड़ा करते हैं।
महाराजपुरा एयरफोर्स इसलिए खास
ग्वालियर के महाराजपुरा एयरफोर्स को इसलिए खास माना जाता है कि यहां पर लड़ाकू विमान मिराज का हैंगर बना हुआ है। वहीं अत्याध्ुानिक मिसाईलें भी हंै और अभी हाल ही में एयरफोर्स में शामिल हुई आकाश मिसाइल भी रखी हुई है। इसके अलावा कई और हथियार हंै जो सुरक्षा की दृष्टि से यहां पर नही बताए जा सकते है।

''असगर और फिरोज छात्र की दादी से उसकी आईडी मांग लाए थे। एयरफोर्स मेंं ज्यादा मजदूरी मिलने की वजह से वह वहां पर गए थे। पूछताछ में ऐसा कोई कारण नही मिला जिससे उन पर श्ंाका की जाए।
दीपक यादव
थाना प्रभारी, महाराजपुरा

Updated : 10 Feb 2016 12:00 AM GMT
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