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राष्ट्र निर्माण मेंं शिक्षकों की अहम भूमिका

मध्य प्रदेश शिक्षक संघ की संगोष्ठी आयोजित

ग्वालियर। शिक्षक राष्ट्र निर्माण की धुरी हैं। शिक्षकों के वैचारिक मूल्य जितने सुदृढ़ होंगे, उतना ही वह जिम्मेदारी से छात्रों में संस्कारों को प्रवाहित कर राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं। यह बात रविवार को कैंसर चिकित्सालय के सभागर में म.प्र. शिक्षक संघ की ग्वालियर इकाई द्वारा 'शाश्वत जीवन मूल्यÓ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ के सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह ने मुख्य वक्ता की आसंदी से कही।
श्री सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षक ही राष्ट्र का निर्माता है, इसलिए शिक्षक को हमेशा सन्यासी की तरह जीवन जीना चाहिए तभी वह शिक्षा का उपयोग देश व समाज हित में कर सकता है।
मुख्य अतिथि साडा अध्यक्ष राकेश जादौन ने कहा कि अगर शिक्षक प्रण करने लें तो देश में किसी भी क्षेत्र में आसानी से बदलाव लाया जा सकता है क्योंकि शिक्षक ही छात्रकाल में युवाओं में वैचारिक मूल्यों की स्थापना करते हैं।
इससे पहले मुख्य अतिथि साडा अध्यक्ष राकेश जादौन, विशेष अतिथि संयुक्त संचालक शिक्षा शितांशु शुक्ला एवं म.प्र. शिक्षक संघ मध्य भारत प्रांत के संगठन मंत्री चन्द्रपाल सिंह सेंगर सहित अन्य अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का संचालन संघ के जिला सचिव शिवकुमार शर्मा ने एवं आभार प्रदर्शन जिलाध्यक्ष अरुण सिंह चौहान ने किया। इस अवसर पर संघ के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित थे।

Updated : 1 Feb 2016 12:00 AM GMT
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