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फिर सामने आया जाति प्रमाण-पत्र घोटाला

फिर सामने आया जाति प्रमाण-पत्र घोटाला
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एसडीएम के आदेश को किनारे कर आरआई ने बचाए दोषी कर्मचारी

ग्वालियर| फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के लिए बदनाम रहे ग्वालियर जिलाधीश कार्यालय में एक बार फिर से फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी करने का मामला सामने आया है। यह कारनामा विभाग में पदस्थ कर्मचारियों ने दलाल के सहयोग से किया है।

मामला उजागर होते ही अधिकारियों ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र तैयार करने वाले एक विभागीय कर्मचारी, एमपी ऑनलाइन संचालित करने वाले आरोपी युवक तथा जाति प्रमाण पत्र बनवाने वाले युवक के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश ग्वालियर सर्कल के राजस्व निरीक्षक राकेश श्रीवास्तव को दिए । लेकिन राजस्व निरीक्षक ने दो अन्य आरोपियों को बचाकर केवल जाति प्रमाण पत्र बनवाने वाले युवक धर्मवीर कैवरे के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई।

कलेक्ट्रेट की जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाली गोरखी परिसर स्थित शाखा से वर्ष 2000-2003 के बाद से मांझी, पारधी एवं गोडिया सहित अन्य अनुसूचित जाति व जन जातियों के फर्जी जाति प्रमाण पत्र बड़ी संख्या में जारी होते रहे हैं। अनेक बार यह मामला उजागर भी हुआ, लेकिन अधिकारी जांच और कार्रवाई के नाम पर हर बार इस गड़बड़ी को दबाते रहे हैं। इस बार फर्जी जाति प्रमाण पत्रों का यह मामला गोरखी परिसर में कारोबार करने वाले एक अभिभाषक की शिकायत पर सामने आया है। बताया जा रहा है कि दायरों में खाली पड़े स्थानों पर फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के बाद अब जारी हुए कम्प्युटरीकृत जाति प्रमाण पत्रों को स्केन कर उनके स्थान पर ही नए नाम से जाति प्रमाण पत्र तैयार कर यह फर्जीवाड़ा किया गया है। शिकायत के बाद हुई जांच में प्रशासन ने जाति प्रमाण पत्र बनवाने वाले युवक से पूछताछ के बाद बहोड़ापुर क्षेत्र में एमपी ऑनलाइन संचालित करने वाले युवक, लोकसेवा केन्द्र के दो कर्मचारियों एवं गोरखी में पदस्थ एक अन्य कर्मचारी को दोषी मानते हुए पकड़ा तथा तीन दिन तक पूछताछ भी की। शुक्रवार 2 दिसम्बर को एडीएम विवेक श्रोतीय एवं ग्वालियर (शहर) एडीएम रिंकेश वैश्य ने एक अन्य एसडीएम के साथ एडीएम श्री श्रोतीय के कार्यालय में बैठकर लम्बे समय तक संदेही कर्मचारियों से पूछताछ की तथा इस प्रकरण के संबंध में आगे की कार्रवाई करने को लेकर मंथन भी किया। शनिवार 3 दिसम्बर को राजस्व निरीक्षक राकेश श्रीवास्तव को फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने वाले युवक धर्मवीर कैवरे निवासी गेंडेवाली सडक़, गोरखी में पदस्थ कर्मचारी अरविंद राणे और एमपी ऑनलाइन संचालित करने वाले युवक अरविंद जाटव के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जारी किया। लेकिन राजस्व निरीक्षक श्रीवास्तव ने केवल धर्मवीर कैवरे के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई।

इस तरह हुआ फर्जीवाड़ा
इस बार उजागर हुए जाति प्रमाण पत्रों के घोटाले में कम्प्यूटरीकृत जाति प्रमाण पत्रों से छेड़छाड़ एवं एडीटिंग कर नए प्रमाण पत्र करने का कारनामा सामने आया है। बताया गया है कि बहोड़ापुर क्षेत्र में गरगज कम्युनिकेशन नाम से संचालित एमपी ऑनलाइन सेंटर पर ड्रायविंग लायसेंस, जाति प्रमाण पत्र बनवाए जाते हैं। आवेदक धर्मवीर कैवरे यहां अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाने पहुंचा और नियमानुसार 50 साल का रिकार्ड नहीं होने की बात कही। एमपी ऑनलाइन के संचालक अविनाश जाटव ने 1500 रुपये में बिना रिकार्ड दिए ही जाति प्रमाण पत्र बनवाने का ठेका ले लिया। ऑनलाइन आवेदन किए जाने के बाद एसडीएम ने रिकार्ड नहीं होने पर जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया। जबकि ऑनलाइन संचालक ने लोकसेवा केन्द्र से जुड़े कुछ कर्मचारियों के सहयोग से एसडीएम कार्यालय में पदस्थ कुछ कर्मचारियों से सांठगांठ के चलते इस निरस्त आवेदन पर ही कम्प्यूटर से किसी अन्य व्यक्ति के जाति प्रमाण पत्र को एडिट कर फर्जी जाति प्रमाण पत्र तैयार कर एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षर इसे जारी कर दिया। मामला उजागर हुआ तो स्वयं आवेदक धर्मवीर ने अधिकारियों से शिकायत कर फर्जी जाति प्रमाण पत्र तैयार करवाने वाले गिरोह के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया, जांच हुई लेकिन दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हुई।

नाम भी हुए उजागर लेकिन कार्रवाई नहीं हुई
जाति प्रमाण पत्रों में घोटाले पूर्व में भी कई बार उजागर हुए हैं। करीब दो वर्ष पूर्व शासकीय नौकरी के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्रों का उपयोग करने वाले कुछ लोगों के दस्तावेजों का खुलासा भी हुआ था। अधिकारियों ने इसे जांच में भी लिया। लेकिन जांच की परिधि में ही यह मामला ठंडा पड़ गया। जांच करने वाले अधिकारी भी स्थानांतरण के बाद ग्वालियर से रवाना हो गए। नए अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी तक नहीं है।

राज्य सूचना आयोग ने मांगा रिकार्ड
सूत्र बताते हैं कि जाति प्रमाण पत्रों में हुए गड़बड़झाले के बाद एक आवेदक द्वारा ग्वालियर के जिलाधीश कार्यालय से मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराने पर द्वितीय अपील की सुनवाई के बाद म.प्र. राज्य लोक सूचना आयोग ने भी ग्वालियर जिलाधीश कार्यालय से रिकार्ड मांगा है। जबकि जिलाधीश कार्यालय रिकार्ड नहीं होने की बात कह रहा है। आयोग ने रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।

इनका कहना है
‘जाति प्रमाण पत्र बनाए जाने के संबंध में एसडीएम रिंकेश वैश्य ने जानकारी दी थी। मैने उनसे विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कहा है। राजस्व निरीक्षक द्वारा आदेश के विरुद्ध कार्रवाई की गई है तो कारण जानकर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। ’

शिवराज वर्मा, प्रभारी जिलाधीश, ग्वालियर

‘फर्जी जाति प्रमाण पत्र के इस प्रकरण में जांच के बाद प्राथमिक तौर पर सामने आए तीन आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी के आदेश जारी कर दिए हैं। ’

रिंकेश वैश्य, एसडीएम ग्वालियर

‘फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में एसडीएम के आदेश पर आरोपी धर्मवीर कैवरे के विरुद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जांच के बाद अगर अन्य लोगों के नाम सामने आएंगे तो उनके विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। ’

राकेश श्रीवास्तव, राजस्व निरीक्षक

Updated : 4 Dec 2016 12:00 AM GMT
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