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पोषण आहार की गुणवत्ता में हुआ सुधार

पोषण आहार की गुणवत्ता में हुआ सुधार
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ग्वालियर।
आंगनबाडिय़ों पर मासूमों को परोसे जा रहे पोषण आहार की खराब गुणवत्ता को लेकर ‘स्वदेश’ द्वारा चलाया गया अभियान रंग लाया है। पोषण आहार की खराब गुणवत्ता को लेकर निरंतर प्रकाशित किए जा रहे समाचारों पर संज्ञान लेते हुए विभागीय अधिकारियों ने स्व-सहायता समूह के विरुद्ध कार्रवाई की। परिणाम स्वरूप शुक्रवार को आंगनबाडिय़ों पर परोसे गए नाश्ता व भोजन की गुणवत्ता में काफी हद तक सुधार देखने को मिला।

उल्लेखनीय है कि आंगनबाडिय़ों पर मासूमों को परोसे जा रहे पोषण आहार की खराब गुणवत्ता को सुधारवाने के लिए समाचारों के माध्यम से निरंतर कमियों को उजागर किया गया। वहीं शहर के कई जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से ‘स्वदेश’ के अभियान से जुडक़र आंगनबाडिय़ों पर पहुंचकर गुणवत्ता सुधरवाने हेतु प्रयास किए। हालांकि आंगनबाडिय़ों पर अनियमितता की सूचना पर जो कार्रवाई एक-दो दिन में होनी चाहिए थी, उसमें अधिकारियों को एक सप्ताह लग गया। ‘स्वदेश’ ने गुरुवार को परियोजना क्रमांक 3 के अंतर्गत हनुमानघाटी, डोंगरपुर, लक्ष्मण तलैया क्रमांक 1 व क्रमांक 2 इसी प्रकार परियोजना क्रमांक एक के अंतर्गत रामाजी का पुरा, घोसीपुरा, इन्द्रा कॉलोनी, लधेड़ी आदि क्षेत्रों में आंगनबाडिय़ों पर पहुंचकर भोजन की गुणवत्ता को देखा जहां भोजन की गुणवत्ता पहले की अपेक्षा फिलहाल काफी हद तक ठीक मिली। वहीं परियोजना क्रमांक 5 के अंतर्गत निर्धन नगर, खूबी की बजरिया आदि क्षेत्रों में भोजन की गुणवत्ता पूर्व की भांति खराब दिखी।

मात्रा में सुधार की जरूरत अब भी
आंगनबाडिय़ों पर दिए जा रहे पोषण आहार की मात्रा को लेकर अब भी बड़ा गड़बड़झाला है। विभागीय अधिकारियों द्वारा इस दिशा में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे शासन को बड़ा घाटा हो रहा है और मासूमों के हक की चोरी हो रही है। पोषण आहार की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ इसकी निरंतर निगरानी हो साथ ही आंगनबाडिय़ों पर पर्याप्त मात्रा में पोषण आहार उपलब्ध कराया जाए तो प्रदेश से कुपोषण का कलंक काफी हद तक कम हो सकता है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी हुईं खुश
आंगनबाडिय़ों पर मासूमों के लिए आने वाले पोषण आहार की खराब गुणवत्ता को लेकर ‘स्वदेश’ द्वारा चलाए गए अभियान से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी खुश दिखीं। नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कार्यकर्ताओं ने कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत से बच्चों को घटिया स्तर का भोजन दिया जा रहा था। ऐसा खाना परोसने में हमें भी अच्छा नहीं लगता था। लेकिन अब गुणवत्ता में काफी हद तक सुधार हुआ है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि यदि जनप्रतिनिधि एवं मीडिया निरंतर इस पर ध्यान नहीं देंगे तो स्थिति जस की तस होने में देर नहीं लगेगी।

इनका कहना है
‘पोषण आहार की खराब गुणवत्ता को लेकर ‘स्वदेश’ में प्रकाशित समाचार के संबंध में जिला कार्यालय से मिले नोटिस पर कार्रवाई करते हुए मेरे द्वारा स्वयं भी निरीक्षण किया गया और पर्यवेक्षक को भी निर्देशित किया गया। पोषण आहार की गुणवत्ता में कुछ कमियां मिली थीं। ठेकेदार को सख्त चेतावनी देते हुए परियोजना की सभी आंगनबाडिय़ों पर दिए जा रहे पोषण आहार की गुणवत्ता में सुधार करा दिया गया है। वहीं क्षेत्र से पंचनामा बनवाकर जिला कार्यालय को सौंपा गया है।’

सुश्री अंजू कौरव, परियोजना अधिकारी, परियोजना क्रमांक 3

Updated : 24 Dec 2016 12:00 AM GMT
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