Home > Archived > मुख्यमंत्री ने नर्मदा सेवा यात्रा पर दिया वक्तव्य

मुख्यमंत्री ने नर्मदा सेवा यात्रा पर दिया वक्तव्य

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नमामि देवी नर्मदे- नर्मदा सेवा यात्रा अभियान की जानकारी में सदन में वक्तव्य दिया। मुख्यमंत्री ने 11 दिसंबर से नर्मदा शुद्धिकरण अभियान को लेकर शुरू की जाने वाली नर्मदा सेवा यात्रा में विधानसभा के सभी सदस्यों से सहयोग की अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपेक्षा रखते है कि विपक्ष ऐसे विषय पर राजनीति नहीं करेगा और हृदयता की शुद्धता से एक होकर हम सब मिलकर इस अभियान को चलायेंगे।

उन्होनें विपक्षी सदस्यों से अपील की कि आप अमरकंटक आयें और यात्रा के शुभारंभ समारोह में भाग लें। इसके अलावा जो जहां है, वह वहां कार्यक्रम में भाग ले, हम सबको मांग नर्मदा की अविरल धारा को बचाना है। वहीं विपक्ष के नेता बाला बच्चन ने कहा कि वे मुख्यमंत्री की भावना के साथ है, लेकिन रामपथ के बारें में ऐसा ही बोला था, बाद में सबकुछ समाप्त हो गया, इसलिए सरकार इस योजना को भी अंजाम तक पहुंचाये। उन्होंने कहा कि यह राजनैतिक यात्रा तक सीमित न रहे। कांग्रेस के विधायक तरूण कुमार भनोट ने कहा कि नर्मदा के किनारे माईनिंग एक्टिविटी बंद हो। वहीं बाला बच्चन ने कहा कि अवैध उत्खनन आज से ही बंद करें। बाला बच्चन ने आरोप लगाया कि सरदारपुर क्षेत्र में विस्थापन और पुर्नवास की स्थिति बदहाल है। वहां बुनियादी सुविधाएं नहीं है। इसकी भी व्यवस्था की जाये। चर्चा में रामनिवास रावत ने भी भाग लिया। चर्चा में मुख्यमंत्री ने विपक्ष के लोगों से कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा में कोई राजनीति नहीं होगी, अवैध खनन का कारोबार रोकने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। एनजीटी के संरक्षण के उपायों को ध्यान में रखा जायेगा। विषेषज्ञों के साथ जानकारी एकत्र कर योजना बनायेंगे।

थाने के बाद विधानसभा तक पहुंचा दो अधिकारियों का मामला
पहले आईएएस अफसर राधेश्याम जुलानिया और रमेश थेटे का विवाद थाने में पहुंचा, इसके बाद प्रदेश की निलंबित आईएएएस अफसर शशि कर्णावत और चर्चा में रहने वाले रमेश थेटे का मामला सदन के परिसर में गूंजा। इस पर मुकेश नायक ने कहा कि आईएएस अफसरों की यह आपसी लड़ाई प्रदर्शित करती है कि भाजपा सरकार की पकड़ अफसरों पर कितनी है? उन्होनें इसे भाजपा की गुटबाजी का नतीजा बताया। श्री नायक ने यह बात पत्रकारों के सवालों के जबाव में कही।

वहीं दूसरी तरफ मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने इस स्तर के शीर्ष अफसरों को नसीहत देते हुए कहा कि अफसरों को अपने सर्विस रूल को भी ध्यान में रखना होगा। उन्हें उचित माध्यम से अपनी बात रखनी चाहिए।

सत्र की अवधि बढ़ाने खूब किया गया हंगामा
परिसर में प्रेस से चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार सदन में सिंहस्थ मामलों में चर्चा करने से पीछे हट रही है। उन्होनें सत्र की अवधि बढ़ाने की गुहार लगाई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

बिजली की मांग पर कांग्रेस का बर्हिगमन
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ऊर्जा मंत्री पारस जैन सदन को संतुष्ट नहीं कर पाये कि रबी सीजन के लिए बिजली की मांग कितनी है। इससे नाराज विपक्ष ने हंगामा किया और बर्हिगमन कर दिया। विधायक रामनिवास रावत ने ऊर्जा मंत्री जैन द्वारा 10 हजार मेगावाट बिजली की सप्लाई किए जाने की जानकारी देने पर सवाल किया था कि इतनी सप्लाई है तो रबी की डिमांड कितनी है? इस पर मंत्री ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। इसके बारे में पूछकर ही बता सकेंगे। इसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर वाकआउट कर दिया। सदन स्थगित: विधानसभा का शीतकालीन सत्र की कार्यवाही आज काफी लंबी चली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भी सदन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सदन में संकल्पों और संशोधन विधेयकों को पारित होने तथा याचिकाओं की प्रस्तुति के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

Updated : 10 Dec 2016 12:00 AM GMT
Next Story
Top