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हाईवे पर तेज गति से दौडऩे वाले वाहनों पर जल्द क सेगी लगाम

भोपाल। नेशनल हाइवे पर तेज रफ्तार वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अब प्रदेश सरकार का परिवहन और पुलिस अमला मिलकर उनकी गति पर नियंत्रण करने की कवायद करने जा रहा है। जिसके तहत वाहनों की गति को अस्सी की गति पर सीमित किया जाएगा। यह फैसला अपर मुख्य सचिव गृह केके सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया है। बैठक में परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा, आयुक्त डा. शैलेंद्र श्रीवास्तव, नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव, गृह मंत्री के ओएसडी विजय कटारिया समेत तमाम अफसर मौजूद थे। सडक़ हादसों के कारण होने वाली मौतों को कम करने की मंशा से सुप्रीमकोर्ट के निर्देश पर ‘सडक़ सुरक्षा समिति’ बनाई गई है। समिति में शामिल अधिकारियों ने आज बैठक कर हादसे रोकने और हादसों के कारण होने वाली मौतों को कम करने के लिए चर्चा की है।
समिति की अगली बैठक 14 दिसंबर को बुलाई गई है। दरअसल राज्य सरकार को 31 दिसंबर से पहले इस बारे में सुप्रीमकोर्ट को रिपोर्ट देना है। अधिकारी 14 दिसंबर को बैठक कर उसकी समीक्षा करेंगे। बैठक में यह मुद्दा सामने आया था कि सबसे ज्यादा सडक़ हादसे नेशनल हाइवे में होते हैैं। वजह साफ है कि एनएच में वाहनों की गति 100 से 140 तक की रहती है। तय किया गया कि वाहनों की गति पर नियंत्रण किया जाए। वाहनों की गति चालीस से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि वाहनों की नियमित चेकिंग की जाए। पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों के बीच इस मुद्दे पर सहमति बन गई है।
बहुत सारे ऐसे स्थान हैैं, कई वाहन भी हैैं, जो सडक़ के किनारे खड़े रहते हैैं।
उनमें रेडियम नहीं होने के कारण हादसे हो रहे हैैं। इसकी सबसे ज्यादा दिक्कत भोपाल में है। इसके लिए भोपाल पुलिस के अफसरों को निर्देश भी दिए गए हैैं। अधिकारियों को इन मुद्दों को गंभीरता से लेने और उन पर तत्काल एक्शन लेने को कहा गया है। विभाग ने जो सर्वे कराया था, उसमें प्रदेश में 464 लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैैं। ये वे स्थान हैैं जहां पर सबसे ज्यादा और खतरनाक हादसे होते हैं।


Updated : 26 Nov 2016 12:00 AM GMT
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