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दीपावली पर भी नहीं थम रही बिजली कटौती, अधिकारी नहीं उठाते फोन

ग्वालियर। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी का शहर में चौबीस घण्टे निर्वाध बिजली आपूर्ति का दावा दीपावली के दौरान भी खोखला साबित हो रहा है। अभी तक शहर के विभिन्न इलाकों में संधारण के नाम पर चार से पांच घण्टे तक बिजली आपूर्ति रोकी जा रही थी और अब फॉल्ट व ट्रिपिंग के नाम पर बिजली कटौती की जा रही है। इससे भी ज्यादा परेशानी की बात तो यह है कि अचानक बिजली गुल होने पर नगारिक विद्युत वितरण कम्पनी के अधिकारियों को फोन पर सूचना देना चाहें तो अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं। सौभाग्य से अधिकारी फोन उठा भी लेते हैं तो वे फोन करने वाले व्यक्ति को केन्द्रीय फ्यूज कॉल सेन्टर के लैण्ड लाइन नम्बर 055-2551222 या टोल फ्री नम्बर 18002331912 पर अपनी शिकायत दर्ज कराने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।

उल्लेखनीय है कि विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा मानसून पूर्व और मानसून पश्चात संधारण के नाम पर शहर में अपै्रल के पहले सप्ताह से सितम्बर अंत तक निरंतर विद्युत उपकेन्द्रों, लाइनों और ट्रंासफार्मरों का संधारण कराया गया। इस दौरान शहर के अलग-अलग इलाकों में पांच से छह घण्टे तक बिजली कटौती की गई। इसके बाद दीपावली पूर्व संधारण के नाम पर बिजली कटौती का सिलसिला दो दिन पूर्व तक जारी रहा। बावजूद इसके शहर को फॉल्ट और ट्रिंपिंक से गुल होने वाली बिजली की समस्या से मुक्ति नहीं मिली है। दीपावली के दिनों में भी आए दिन बिजली गुल हो रही है। इससे परेशान नागरिक विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा कराए गए संधारण पर सवाल उठा रहे हैं। विद्युत वितरण कम्पनी से जुड़े सूत्रों की मानें तो संधारण मात्र बहाना है। इसके बहाने विद्युत वितरण कम्पनी बिजली बचाने का काम कर रही है।

खुले पड़े ट्रांसफार्मर दे रहे हादसों को आमंत्रण
विद्युत वितरण कम्पनी अपै्रल से अक्टूबर तक शहर के विभिन्न विद्युत उपकेन्द्रों, लाइनों और ट्रांसफार्मरों पर कई बार संधारण करा चुकी है। बावजूद इसके शहर के अधिकांश ट्रांसफार्मर खुले पड़े हैं, जिनमें नंगे तार झूल रहे हैं, जो हादसों को आमंत्रण देते नजर आ रहे हैं। इन ट्रांसफार्मरों से आए दिन चिंगारी उठती दिखाई देती है। पिछले साल धन तेरस के दिन सराफा बाजार में ऐसे ही एक खुले पड़े ट्रांसफार्मर में जबर्दस्त आग लगी थी, जिससे वहां के दुकानदारों और राहगीरों में भगदड़ मच गई थी। इस घटना के बाद भी विद्युत वितरण कम्पनी ने सबक नहीं लिया और आज भी शहर के अधिकांश ट्रांसफार्मर खुले पड़े हुए हैं, जिनमें सीधे तार डालकर आसपास के लोग बिजली चोरी भी कर रहे हैं।

एसएलडीसी बॉक्स भी खुले पड़े हैं

केवल विद्युत ट्रांसफार्मर ही नहीं, शहर में अधिकांश विद्युत खम्बों पर लगे एसएलडीसी बॉक्स भी खुले पड़े हुए हैं। बिजली चोरी रोकने के उद्देश्य से आर-एपीडीआरपी योजना के तहत उपभोक्ताओं को विद्युत कनेक्शन देने के लिए खम्बों पर लगाए गए यह एसएलडीसी बॉक्स घटिया स्तर के हैं, जिनमें आए दिन आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं। इसके चलते कई खम्बों पर यह बॉक्स जली हुई हालत में लगे हुए हैं। हालांकि इन बॉक्सों में ताले लगे हुए थे, लेकिन स्थानीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते लोगों ने इन बॉक्सों के ताले तोड़ दिए हैं और अवैध कनेक्शन लेकर बिजली की चोरी कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय अधिकारी ऐसे लोगों को रोकने में असमर्थ हैं।

Updated : 28 Oct 2016 12:00 AM GMT
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