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देश में राजनीतिक विकल्प के प्रणेता थे पंडित दीनदयाल उपाध्याय: मोदी

देश में राजनीतिक विकल्प के प्रणेता थे पंडित दीनदयाल उपाध्याय: मोदी
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसंघ विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय को देश में राजनीतिक विकल्प का प्रणेता बताते हुए आज कहा कि उनकी दूर दृष्टि और कर्मठता का ही फल था कि देश की राजनीति में जनसंघ के रूप में कांग्रेस का एक मजबूत विकल्प तैयार हो सका। मोदी पंडित दीनदयालय उपाध्याय के जन्मशती वर्ष के उपलक्ष्य में उनके जीवन दर्शन को समर्पित‘वांड्मय’का आज यहां विमोचन करने के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह वांड्मय एक महान युग दृष्टा की विचार यात्रा, विकल्प यात्रा और संकल्प यात्रा की त्रिवेणी है। पन्द्रह खंडों वाले इस वांग्मय में उनके एकात्मता वाद के विचार दर्शन, उनके जीवन काल की यात्रा, भारतीय जनसंघ की स्थापना, भारत पाक युद्ध ,गोवा की स्वतंत्रता और ताशकंद समझौते से जुडे घटनाक्रमों को संकलित किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1962 से लेकर 1967 के बीच देश की राजनीति में एक बड़ा खालीपन आ चुका था। तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के बाद कौन यह सवाल सबकी जुबान पर था। ऐसे मौके पर देश में कांग्रेस से इतर एक नई राजनीतिक विचारधारा को पनपने का अवसर देना पंडित जी के प्रयासों से ही संभव हो सका। जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक संगठन आधारित राजनीतिक दल को खड़ा करने में पंडित जी की भूमिका अहम रही। उन्होंने जो बीज बोए उसका फल आज तक मिल रहा है। उनके प्रयासों से देश की राजनीति में आज ऐसा मजबूत राजनीतिक विकल्प अस्तित्व में आ चुका है जो संगठन आधारित है और जो संगठन राष्ट्र के प्रति समर्पित है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने निर्धनता मुक्त, भेदभाव मुक्त और शेाषण मुक्त समाज की कल्पना की थी। उनका विशाल राजनीतिक चिंतन गरीबों पर केन्द्रित था इसलिए उनके जन्मशती वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाने का निश्चय किया गया है। इस दौरान सरकार का हर विभाग अपनी नीतियों और कार्यक्रम तय करते समय गरीबों के कल्याण को प्रमुखता देगा। उन्होंने कहा कि पंडित उपाध्याय का जीवन काल बड़ा नहीं था लेकिन जो वैचारिक अधिष्ठान वह देकर गए हैं वह बहुत बड़ा है। मोदी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अपनी परंपराओं और जड़ों से जुड़े रहने के बावजूद समाज और राष्ट्र के लिए उपयोगी नवीन विचारों का सदैव स्वागत किया। वे वेद से विवेकानंद तक और सुदर्शन मोहन से चर्खा कातने वाले मोहन तक सब पर आस्था रखते थे। उनका कहना था कि भारत की जड़ों से जुड़ी राजनीति,अर्थनीति और समाज नीति ही देश के भाग्य को बदलने का सामथ्र्य रखती है। कोई भी देश अपनी जड़ों से कटकर विकास नही कर सका है। उन्होंने कहा कि आज के दिन उस महान विभूति को याद करते हुए आइये हम सभी मिलकर देश के विकास के संकल्प के साथ अपनी नयी यात्रा शुरु करें।

बहुत खास है इस बार की विजयादशमी
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सेना की कार्रवाई में बडी संख्या में आतंकवादियों के मारे जाने के बाद देश में बने माहौल का संकेत देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि इस बार की विजयादशमी देश के लिए बहुत खास है। उरी में सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सेना की कार्रवाई का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए उन्होंने कहा, आने वाले दिनों में हम विजयादशमी मनाएंगे।

Updated : 10 Oct 2016 12:00 AM GMT
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