Home > Archived > जनमानस

जनमानस

जनसंख्या नियंत्रण से सुधरेगा यातायात


आदिकाल से ही मानव भोजन, जल और सुरक्षित ठिकानों की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान को भटकता रहा है। वर्तमान में भी यह क्रम निरंतर जारी है। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले वह पैदल अथवा हल्के वाहनों से आवागमन करता था वहीं अब वह विभिन्न प्रकार के भारी वाहनों का उपयोग अपने यातायात के लिए करने लगा है। आज के इस मशीनी युग और दौड़भाग की जिंदगी में यातायात बहुत बढ़ गया है।
जनसंख्या वृद्धि यातायात बढ़ाने का प्रमुख कारण हैं। आबादी लगातार बढ़ रही है तथा यातायात के साधन सीमित हैं। यातायात को कठिन बनाने में व्यक्तिगत वाहन भी बहुत बड़ा कारण है। बहुत से घरों में प्रत्येक व्यक्ति पर अलग-अलग कार हैं। इस तरह मार्गों पर वाहन की बहुत अधिक संख्या होने से जाम, टक्कर अव्यवस्था आदि से यातायात की समस्या बढ़ती है।
रेलों में मोटरों में आए दिन टक्कर चोरी, लूट आदि की घटनाएं होती ही रहती हैं। दुपहिया वाहन तो प्राय: टकराते या कुचलते ही रहते है यातायात संभालने के लिए पुलिस आदि की समुचित व्यवस्था का अभाव है। यातायात के नियमों का पालन न करने से भी असुरक्षा बढ़ती है।
यातायात की समस्या से त्रस्त समाज को तभी राहत मिल सकती है जब जनसंख्या में कमी होगी। आबादी कम होगी तो यातायात सरल तथा सुरक्षित हो जायेगा। साथ ही, प्रत्येक वाहन चालक एवं पैदल चलने वाले को यातायात के नियम पता हों तथा वे उनका भली भांति पालन भी सुनिश्चित करें।
मानव जीवन अमूल्य है उसे यंू ही नित्य होती दुर्घटनाओं में नहीं गंवाया जा सकता। हमें यातायात को सुरक्षित बनाने के उपायों पर तुरंत अमल करना होगा। यातायात की समस्या को हल करने के लिए जरुरी है कि मार्गों की ठीक तरह देखभाल की जाए, वाहनों की देख रेख होती रहे तथा यातायात पुलिस की समुचित व्यवस्था की जाए। सबसे आवश्यक यह है कि यात्रियों को यातायात के प्रति जागरुक बनाया जाए ताकि वे स्वयं अपनी रक्षा कर सकें। यदि ऐसा हो सका तो यात्रा का वास्तविक आनन्द पुन: लौट आएगा।

रागिनी शर्मा, ग्वालियर

Updated : 4 Jan 2016 12:00 AM GMT
Next Story
Top