जनजागरूकता की आवश्यकता: विधायक
माधव भवन में पर्यावरण सुरक्षा कार्यक्रम आयोजित
अशोकनगर। पर्यावरण की सुरक्षा हेतु जनजागरूकता की महती आवश्यकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा पर्यावरण सुरक्षा संबंधी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस आशय के विचार विधायक गोपीलाल जाटव ने माधव भवन में जिला परिवहन विभाग द्वारा आयोजित पर्यावरण सुरक्षा कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।
विधायक श्री जाटव ने कहा कि पूरे विश्व में पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए प्रयास किए किए जा रहे हैं। हम सभी यह संकल्प लें कि पर्यावरण की सुरक्षा का दायित्व वखूबी निभायेंगे तथा प्रदूषण मुक्त भारत बनाने में अपना योगदान देंगे। उन्होंने सड़कों पर दौड़ते वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने हेतु कार्यवाही किए जाने की बात कही। ंस्वच्छता रखने से प्रदूषित वातवारण से स्वच्छ बनाया जा सकता है इसलिए अपने आसपास स्वच्छता का भी हम सभी को ध्यान रखना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सुशीला साहू ने कहा कि प्रदूषण देश की बड़ी समस्याओं में से एक है, पर्यावरण को बचाने के लिए प्रदूषण को मिटाना होगा।
कार्यक्रम में प्रमुख प्रवक्ता चेतन भार्गव ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए पूरा विश्व चिंतामग्न है। पर्यावरण की रक्षा कैसे की जा सके इस विषय पर विचार मंथन चल रहा है। उन्होंने बताया कि पेरिस के अंदर चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि 2 सेल्सियस तापमान यदि विश्व में कम नहीं हुआ तो विश्व में तबाही आ सकती है। वर्ष 2030 के अंदर हमारी 20 प्रतिशत कृषि खत्म हो जाएगी। 2050 में एक अरब लोग बेघर हो जाएंगे, वर्ष 2080 में 60 करोड़ कुपोषण की चपेट में आ जाएंगे, 6 प्रतिशत भूमि बंजर हो जाएगी। देश में जीवाश्म समाप्त होने से तेल संकट गहरा जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करने के लिए सौर्य उर्जा यंत्रीकरण होना आवश्यक है। दुनिया को इस भयंकर खतरे को बचाना है तो इस दिषा में ठोस कारगर प्रयास किए जाने चाहिए। विष्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के आधार पर विष्व का सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली है। दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही देष को ग्लोबल वार्किंग से बचाना होगा। ध्वनि प्रदूषण को रोका जाए तथा स्वच्छता के प्रति जनजागरूकता लाई जाए। जिला शिक्षा अधिकारी एसआर निम ने कहा कि बच्चे सच्च्ेा संदेशवाहक होते हैं। सभी बच्चे अपने अपने परिवेश में पर्यावरण बचाने के संदेश को घर-घर तक पहुंचाये जिससे जागरूकता आ सके।