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पिलुआ बांध के पानी का होगा सर्वे

जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित

भिण्ड। जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आज जिलाधीश मधुकर आग्नेय की अध्यक्षता में उनके चैंबर में आयोजित की गई। बैठक में क्षेत्रीय विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन भिण्ड केएल धनोतिया, गोहद एके गुप्ता, लहार सीके त्रिपाठी, उप महाप्रबंधक विद्युत कंपनी गोहद पीएस सक्सैना, विधायक प्रतिनिधि गोहद दशरथ सिंह गुर्जर, लहार रामप्रताप सिंह कुशवाह, समिति सदस्य एडवोकेट रामकुमार शर्मा, विभागीय अधिकारी एवं जल उपयोगिता संस्थाओं के अध्यक्ष एवं समिति सदस्य उपस्थित थे।
बैठक में जिलाधीश मधुकर आग्नेय ने कहा कि भिण्ड जिले में औसत वर्षा हुई है। जिसके कारण बिना ट्यूबवैल में खरीफ फसलो में नुकसान हुआ है। पिलुआ बांध से गोहद क्षेत्र के धान उत्पादक किसानों के लिए दो पानी दिए जा चुके है। रवी फसलों के अंतर्गत पलेवा एवं एक पानी देने के लिए जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों से सर्वे कराया जाकर पानी की उपलब्धता का आंकलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खाद के लिए मुख्यमंत्री द्वारा एडवांस में लिप्टिंग की सुविधा जुलाई से कराई गई है। जिससे रवी फसलों के पलेवा के दौरान किसानों की खाद की समस्या उत्पन्न नहीं हो इसलिए किसान सोसाइटी के माध्यम से खाद प्राप्त करें। खाद का पर्याप्त भण्डार सोसाइटियों पर कराया गया है। एनवक्त के लिए खाद का इंतजार नहीं किया जावें।
जिलाधीश ने कहा कि किसान अब साधिकार अभियान के अंतर्गत अपनी नई ऋण पुस्तिका बनवा सकते हैं। अब पुरानी ऋण पुस्तिका के बजाए नई ऋण पुस्तिकाओं से खाद की सुविधा का लाभ लिया जा सकता है। मार्केटिंग से भी खाद उपलब्ध कराने की व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रवी फसलों के अंतर्गत किसान कम पानी वाली गेहूं फसल की बोनी करें। जिससे कम पानी में उन्नत किस्म की फसल ली जा सके।
उन्होंने जल उपयोगिता संथाओं के सदस्यों से खरीफ फसलों की स्थिति के बारे में चर्चा की। तब उन्होंने बताया कि बिना ट्यूबवैल से पानी देने वाली फसलों में 40 प्रतिशत नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर से रवी फसलों के लिए पलेवा हेतु पानी पिलुआ बांध से उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है।
क्षेत्रीय विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों की भलाई के लिए अनेक योजनाएं संचालित की हैं। जिनसे किसान अपनी खेती को लाभ का धंधा बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि कम पानी में पैदा होने वाली रवी फसलों की बोनी किसान करें। जिससे पलेवा एवं एक पानी में अच्छी फसल प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मार्केटिंग से भी किसानों को खाद प्रदान करने की व्यवस्था पर प्रशासन द्वारा विचार किया जा रहा है। इस व्यवस्था से किसानों को आसानी से खाद प्राप्त होगा। बैठक में जल उपयोगिता संस्थाओं के अध्यक्षों ने पानी और खाद के बारे में उपयोगी सुझाव दिए।

Updated : 29 Sep 2015 12:00 AM GMT
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