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भारत बंदः परिवहन-बैंक सुविधाएं प्रभावित, कई जगहों पर हिंसा

भारत बंदः परिवहन-बैंक सुविधाएं प्रभावित, कई जगहों पर हिंसा
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नई दिल्ली। सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में और अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर कांग्रेस व वाम समर्थित ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर समूचे देश में एक दिवसीय भारत बंद का असर सुबह से ही दिखने लगा है। भारत बंद के दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी चरमराई दिखी। कई जगहों पर हिंसक घटनाओं के कारण लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
देश के लगभग सभी राज्यों में रेलवे को छोड़ केंद्र, राज्य व निजी क्षेत्र से संबंधित विभिन्न प्रतिष्ठानों के लाखों कर्मचारियों का भारत बंद में समर्थन देखने को मिल रहा है। मजदूर नेता गुरुदासगुप्ता ने देशव्यापी हड़ताल को मजदूर संगठनों द्वारा लिया गया सही फैसला बताते हुए कहा है कि लोग सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों से असंतुष्ट हैं। सरकार का यूनियन न बनाने देने का फैसला गलत है। इसके खिलाफ पूरे देश में ट्रेड यूनियनों की हड़ताल काबिले तारीफ है।
भारत बंद के समर्थन में बैंक, बीमा, सड़क व हवाई परिवहन, तेल व गैस से जुड़े प्रतिष्ठान शामिल हैं। भाजपा समर्थित बीएमएस इस हड़ताल में शामिल नहीं है। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के महासचिव विरजेश उपाध्याय का कहना है कि हड़ताल का विशेष असर नहीं होगा और बिजली व पेट्रोलियम व गैस क्षेत्र इससे प्रभावित नहीं होंगे। उधर केंद्रीय श्रममंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने एक बार फिर यूनियनों से हड़ताल न करने का अनुरोध किया है।
भारत बंद हिंसक रूप लेता नजर आ रहा है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भारत बंद के समर्थन में CPIM और बंद के दौरान शांति व्यव्स्था बनाए रखने में लगी TMC आमने-सामने है.. ऐसे में दोनों दलों के बीच टकराव लाजमी था। मामूली सी झड़प के बाद दोनों दलों के कार्यकर्ता हिंसक हो गए। दोनों दलों में जमकर लाठीबाजी हुई.. लोगों ने पत्थरबाजी भी की। मामला शांत करने के लिए बीच में कूदी पुलिस को भी विरोध झेलना पड़ा। विरोध के बीच पुलिस ने लाठीचार्ज कर बिगड़े हालात पर काबू पाया।भारत बंद का असर बिहार और बंगाल में हिंसक रूप लेता दिख रहा है। सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध पर उतरे हड़तालियों ने बिहार और बंगाल में रेलवे ट्रैक जाम कर रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित किया है। बिहार के आरा में हिमगिरी एक्सप्रेस और हावड़ा स्टेशन पर लंबी दूरी की ट्रेनें नहीं पहुंच पा रही हैं। पश्चिम बंगाल के उत्तरी परगना जिले में प्रदर्शकारियों और पुलिस के बीच झड़प के बाद पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनाकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा। वहीं केरल से भी हिंसक घटनाएं सामने आ रही हैं।
बंगाल, बिहार के बाद चेन्नई में भी भारत बंद का समर्थन कर रहे मजदूर संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रेल यातायात बाधित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हड़तालियों ने यहां भी रेलवे ट्रैक पर जाम लगाकर ट्रेनें रोकीं। ट्रेनों के ऊपर चढ़कर सरकार विरोधी नारे लगाए। पुलिस की काफी कोशिश के बाद भी लोग मानने को तैयार नहीं हुए और रेलवे ट्रैक पर ही डटे रहे। इस बीच हड़तालियों और पुलिस के बीच तीझी नोकझोक भी हुई। मजबूरन पुलिस को विरोधियों पर लाठी भाजनी पड़ी। लाठीचार्ज में कुछ लोगों को मामूली चोट आई है। बता दें कि ट्रेड यूनियनों ने इस हड़ताल की घोषणा श्रम मंत्री के साथ पिछले साल जुलाई में हुई पहली बैठक के बाद ही कर दी थी। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में चार सदस्यीय अंतरमंत्रालयीय समिति का गठन कर दिया। इसमें श्रम मंत्री के अलावा पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान तथा ऊर्जा व कोयला मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हैं। समिति की इस साल 19 जुलाई को हुई पहली और 26-27 अगस्त को हुई दूसरी बैठक में सरकार ने यूनियनों की अधिकांश मांगें मानने का भरोसा देते हुए हड़ताल पर न जाने की अपील की। लेकिन 28 अगस्त को यूनियनों की बैठक में बीएमएस को छोड़ अन्य 10 यूनियनों-इंटक, एटक व सीटू आदि ने हड़ताल पर डटे रहने का निर्णय लिया। बीएमएस यह कहते हुए पीछे हट गई कि सरकार के प्रस्ताव उत्साहजनक हैं और उसे वक्त दिया जाना चाहिए। दिल्ली में भारत बंद का असर तेज है। मुश्किल में वे हैं जो भारत बंद के समर्थन में नहीं हैं, खासकर अॉटो चाकल। हड़ताल से इतर सड़कों पर सवारी ढो रहे कई अॉटो चालकों को हिंसा का सामना करना पड़ा है। हड़तालियों द्वारा अॉटो चालकों को रोक कर मारपीट करने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। वहीं, यात्रियों को भी भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे पर उतरने के बाद उन्हें पैदल लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। अॉटो या अन्य वाहन मिल भी रहे हैं तो यात्रियों से मोटा भाड़ा वसूल रहे हैं।
एसबीआई, इंडियन ओवरसीज बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यस बैंक और एक्सिस बैंक के कर्मचारी इस आंदोलन से दूर हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के 23 बैंक, निजी क्षेत्र के 12 बैंक, 52 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं 13,000 से अधिक सहकारी बैंक आज भारत बंद के समर्थन में हड़ताल पर हैं। बैंकिंग क्षेत्र के दस लाख कर्मचारियों में से आधे से अधिक हड़ताल पर हैं। बैंक से कैश निकालने के आदती लोग आज एटीएम मशीनों के सामने लाइन में खड़े दिखे। हड़ताल में शामिल हुए निजी बैंकों में फेडरल बैंक, कर्नाटक बैंक, करूर वैश्य बैंक, कोटक महिन्द्रा बैंक, कैथोलिक सीरियन बैंक, धनलक्ष्मी बैंक और रत्नाकर बैंक प्रमुख हैं।

Updated : 2 Sep 2015 12:00 AM GMT
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