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भारत की आर्थिक स्थिति अन्य देशों की तुलना में काफी मजबूत:राजन

भारत की आर्थिक स्थिति अन्य देशों की तुलना में काफी मजबूत:राजन
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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा कि भारत की वृहद आर्थिक स्थिति अन्य देशों की तुलना में काफी मजबूत है। इसलिए चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर गहराते संकट से भारतीय रूपये और शेयर बाजार में हो रही गिरावट से डरने की कोई जरूरत नहीं है। यह बात उन्होंने यहां राष्ट्रीय बैंकिंग सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।
श्री राजन ने कहा,‘मैं देश के बाजारों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारे वृहद आर्थिक कारक नियंत्रण में हैं और हमारी अर्थव्यवस्था औरों की तुलना में बहुत अच्छी स्थिति में है।' उन्होंने कहा कि देश के पास इस समय 380 अरब डालर का विदेशी मुद्रा भंडार है। यदि जरूरत पड़ी तो इसका इस्तेमाल किया जाएगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि आने वाले समय में नीतिगत ब्याज दर में कमी किये जाने का भी संकेत दिया। उन्होंने कहा कि जिंसों की कीमतों में और अधिक कमी आने, सरकार की ओर से अनाज के अच्छे प्रबंध और मुद्रास्फीति के खिलाफ केंद्रीय बैंक की सख्त नीति से नीतिगत दरों में कमी की बन रही गुंजाइश पर रिजर्व बैंक ध्यान देगा।
राजन ने कहा कि जिंस बाजार में गिरती कीमतों और सरकार की ओर से खाद्य बाजार के अच्छे प्रबंध से रिजर्व बैंक को नीतिगत ब्याज कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि कच्चे तेल की कीमतें अभी एक दो साल नीचे ही चलेंगी।
उल्लेखनीय है कि भारत सहित एशियायी शेयर बाजारों में आज भारी उठापटक के बीच रुपया डालर के मुकाबले टूट कर शुरूआती कारोबार में 66 पैसे की तेज गिरावट के साथ 66.49 तक चला गया। यह दो साल में रुपए का न्यूनतम स्तर है। रुपए में यह गिरावट ऐसे समय देखी गयी जबकि अन्य प्रमुख विदेशी मुद्राओं के समक्ष डालर कमजोर रहा है। इसके साथ ही शेयर बाजारों से विदेशी धन की निकासी बढ़ने से रुपये पर दबाव बढ़ गया है।
राजन ने कहा कि विदेशी विनियम बाजार में उथल -पुथल चल रही थी और उसमें चीन तो आखिरी पड़ाव है। उन्होंने कहा कि यूं तो जापानी येन और यूरो के समक्ष रूपए की विनिमय दर मजबूत हुई है। गवर्नर ने कहा कि विनिमय बाजार में अप्रत्याशित उतार चढ़ाव से निपटने के लिए रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त संसाधन है।
स्थानीय शेयर बाजारों में आज के कारोबार के दौरान इस वर्ष अब तक सबसे बड़ी गिरवट देखी गयी। प्रारंभिक कारोबार में मुंबई बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 1006 अंक टूट गया। खास कर संस्थागत निवेशकों की बिकवाली के दबाव में नेशनल स्टाक एक्सचेंज का 50 शेयरों वाला निफ्टी भी गिर कर 8,000 से नीचे चला गया। चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर गहराती चिंताओं के बीच आज एशिया के प्रमुख शेयरों में भारी उथल- पुथल रही। शंघाई शेयर बाजार में आठ फीसद की गिरावट दर्ज की गयी। चीन की अर्थव्यवस्था का संकट पहले के अनुमानों से भी गहरा माना जा रहा है जिससे निवेशकों में घबराहट देखी गयी है।

Updated : 24 Aug 2015 12:00 AM GMT
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