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यातायात सुधार पर ध्यान नहीं सिर्फ वसूली में लगी हैं पुलिस

मामला हेलमेट अभियान की चालानी कार्रवाई का

शिवपुरी। शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए यातायात पुलिस कर्मचारियों द्वारा आज तक कोई सार्थक प्रयास नहीं किए। शहर में बढ़ती जनसंख्या एवं वाहनों का दबाव लगातार बढ़ रहा हैं। शहर के व्यस्ततम चौराहे माधव चौक, गुरुद्वारा चौक एवं राजेश्वरी रोड पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। यातायात कर्मचारी अपने कर्तव्य का निर्वहन न करते हुए उगाई में व्यस्त रहते हैं। वहीं यातायात प्रभारी चालानी कार्रवाई में व्यस्त रहते हैं जो विवाद का कारण बनते हैं। पूर्व समय में भी यातायात प्रभारी से नागरिकों की तीखी झड़प होती रही है। जैसे गत दिवस एक महिला दोपहिया वाहन चालक से झड़प तथा मारपीट तक हो गई। जिस पर शासकीय कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया गया। ऐसी स्थिति में शहर के नागरिकों को वाहन चलाना कठिन हो जाएगा।
नियत स्थान पर नहीं रहते यातायात कर्मचारी
शहर के सबसे व्यस्ततम गुरुद्वारा चौक पर यातायात व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनने के लिए शासन द्वारा लाखों रुपए व्यय कर सिग्नल व्यवस्था की गई, लेकिन गुरुद्वारा चौक पर पुलिस कर्मचारी निर्धारित स्थान पर ड्यूटी न करते हुए बाहर से आने वाले भारी वाहनों से अवैध उगाही में व्यस्त रहते हैं। जबकि यातायात व्यवस्था भगवान चलती रहती है। तो दूसरी ओर वाहन चालक भी सिंग्नल की ओर ध्यान नहीं देते व सिग्नल तोडऩे में अपनी शान समझते हैं जिन्हें रोकने टोकने बाला कोई भी यातायात कर्मचारी यहां पर उपस्थित नहीं रहता है। मनमाने तरीके से शहर की यातायात व्यवस्था चलती है जो दुर्घटनाओं का कारण बनती है।
चालानी कार्यवाही में लीन यातायात प्रभारी
यातायात प्रभारी को शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने में कोई रुचि नहीं है। उनके द्वारा शहर में बिना हेलमेट के वाहन चालकों के चालन काट कर अपना रौब झाडऩे में अधिक रुचि है। शहर में कछुआ गति से चलने वाले वाहनों पर हेलमेट की कितनी आवश्यकता है।इस तथ्य को समझा जा सकता है। लेकिन यातायात प्रभारी समझना ही नहीं चाहते, वे चालानी कार्यवाही करते समय चार से छह पुलिस कर्मचारी अपने साथ रखते हैं जो यातायात व्यवस्था का संचालन करने का कार्य करते हैं।
यात्री वाहनों पर मेहरबान यातायात प्रभारी
शहर में तैनात यातायात प्रभारी को महज यातायात नियमों का उल्लंघन के बिना हेलमेट लगाये दो पहिया वाहन चालक ही नजर आते हैं। जबकि शहर में आने तथा जाने वाले यात्री वाहनों के द्वारा यातायात के नियमों का सरेआम उल्लंघन कर छतों पर सवारियां लाद ली जाती है जो यातायात प्रभारी तथा कर्मचारियों को नजर नहीं आती। उन्हें महज बिना हेलमेट लगाये नजर आते है। दो पहिया वाहन चालक। जबकि ओव्हर लोड गाड़ी होने पर दुर्घटना की अधिक संभावना रहती है। जिन पर यातायात प्रभारी मेहरबान क्यों बने हुए है?
यातायात प्रभारी की कार्यप्रणाली के कारण वे लगातार विवादों में घिरते रहे हैं। गत माह पोहरी चौराहे पर एक बाहुबली धाकड़ व्यक्ति से तीखी झड़प हो गई थी और मामला थाने तक पहुंचा था। इसी तरह गत दिवस जज की स्टेनो उमा नायक से यातायात कर्मचारियों की तीखी झड़प के साथ मारपीट तक की नौबत आ गई। उक्त मामला भी थाने तक पहुंचा। यदि इसी प्रकार शहर भर में पुलिस कर्मचारियों द्वारा वाहन चालकों से मारपीट कर मामले थाने तथा कोर्ट कचहरी तक पहुंचेगे तो शहर में अशांती का वातवारण निर्मित हो सकता है।

Updated : 14 July 2015 12:00 AM GMT
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