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भारत-बांग्लादेश में 22 समझौतों पर दस्तखत

भारत-बांग्लादेश में 22 समझौतों पर दस्तखत
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भारत, बांग्लादेश/ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम करार हुए हैं. इसमें सबसे प्रमुख लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट है जिसे भारत की संसद पहले ही मंजूरी दे चुकी है.
ढाका में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की मौजूदगी में भारत की ओर से विदेश सचिव एस जय शंकर और उनके बांग्लादेशी समकक्ष मोहम्मद शाहिदुल हक़ ने इस पर दस्तखत किये. दोनों देशों ने कुल 22 समझौतों पर दस्तखत किए हैं. इसें आपसी कारोबार को बढ़ाने, व्यापार असंतुलन को घटाने, बांग्लादेश में निवेश और एक दूसरे के साथ संपर्क बढ़ाने पर जोर है.
सीमा विवाद सुलझेंगे
लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट के जरिए दोनों देश वर्ष 1974 में हुए समझौते के अनुसार एक दूसरे के इलाकों की अदला बदली करेंगे. भारत और बांग्लादेश की मुख्य सीमा के भीतर कई इलाक़े ऐसे हैं जिस पर दूसरा देश दावा करता है. इस समझौते से 41 साल पुराने सीमा विवाद को सुलझाने में मदद मिलेगी. सीमा विवादों को सुलझाने और दोनों देशों के बीच तालमेल बेहतर करने के साथ ही अवैध घुसपैठ और तस्करी रोकने की दिशा में इसे अहम करार माना जा रहा है. भारत के असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मेघालय के हिस्से इस करार के तहत आते हैं.
'बेहतर संबंध चाहता है भारत'
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उनका देश अपने पड़ोसियों के साथ बेहतर संबंधों का हिमायती है. मोदी ने कहा, ''भारत अपने पड़ोसियों के साथ सहयोग करते हुए विकास करना चाहता है जिसमें पड़ोसी देश भी सम्पन्न हों, जो सपना मैंने भारत के भविष्य के लिए देखा है मैं वही भविष्य बांग्लादेश के लिए भी चाहता हूं.''
इस मौक़े पर प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश को 20 करोड़ अमरीकी डॉलर की मदद देने के साथ ही 2 अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन शुरू करने का भी एलान किया.
बस सेवा शुरू
इससे पहले दोनों देशों के बीच दो बस सेवाओँ की भी शुरुआत की गई. कोलकाता, ढाका और अगरतला के साथ ही ढाका, शिलांग और गुवाहाटी के बीच भी बस सेवा शुरू कर दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
दो दिन की यात्रा पर बांग्लादेश पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ढाका पहुंचने के बाद सबसे पहले वर्ष 1971 की लड़ाई में शहीद हुए सैनिकों की याद में बने वॉर मेमोरियल को देखने गए. यहां सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के बाद वो शेख मुजीबुर रहमान के म्यूजियम भी गए.

Updated : 6 Jun 2015 12:00 AM GMT
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