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मैगी की सभी वैरायटी को बाजार से हटाने के आदेश

मैगी की सभी वैरायटी को बाजार से हटाने के आदेश
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नई दिल्ली | भारतीय खाद्य सुरक्षा नियामकों ने मैगी नूडल्स की सभी नौ वैरायटी को जार से हटाए जाने और इसके विनिर्माण और बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया जबकि नेस्ले ने कहा कि बेबुनियाद कारणों से मैगी की गुणवत्ता को लेकर भ्रम पैदा हुआ। दिल्ली, उत्तराखंड, तमिलनाडु , जम्मू कश्मीर और गुजरात के बाद मध्य प्रदेश ने भी जहां मैगी नूडल्स पर रोक लगाने का फैसला किया तो वहीं स्विस कंपनी के वैश्विक मामलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पॉल बल्के ने कहा कि यह खाने के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने जल्द से जल्द उपभोक्ताओं का विश्वास जीतने और लोकप्रिय स्नैक की वापसी कराने का वादा किया।
फटाफट नूडल्स में एमएसजी और सीसे की कथित मौजूदगी को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद नेस्ले इंडिया ने बीती शाम मैगी नूडल्स को बाजार से वापस मंगाने का फैसला किया था। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कंपनी को मैगी की सभी नौ वैरायटी को बाजार से वापस मंगाने का आदेश देते हुए उन्हें लोगों के खाने के लिहाज से असुरक्षित और खतरनाक बताया।
नियामक ईकाई ने नेस्ले को एक कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर यह जवाब देने को कहा कि क्यों न उसे नौ वैरायटी के लिए दी गयी उत्पाद मंजूरी को वापस ले लिया जाए। एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वाई एस मलिक द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है, कंपनी को इस संबंध में तीन दिन के भीतर एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया जाता है। साथ ही कंपनी नूडल्स को वापस मंगाए जाने की प्रगति रिपोर्ट इस प्रक्रिया के पूर्ण होने तक प्रतिदिन के आधार पर दाखिल करे।
एफएसएसएआई ने यह भी कहा है कि नेस्ले ने बिना मंजूरी के मैगी ओटस मसाला नूडल्स को बाजार में पेश किया। नियामक ने इसे भी बाजार से वापस मंगाए जाने का आदेश देते हुए कहा कि कंपनी ने इस उत्पाद की गुणवत्ता का कोई आकलन नहीं किया। आदेश में कहा गया है, मानवीय उपभोग के लिए असुरक्षित और खतरनाक पाए जाने के बाद बाजार से मैगी नूडल्स की सभी नौ वैरायटी को वापस मंगाएं और आगे से इसका उत्पादन, प्रसंस्करण, आयात, वितरण और बिक्री को तत्काल प्रभाव से बंद करें।
एफएसएसएआई ने कहा कि नेस्ले ने स्वाद बढ़ाने वाले एमएसजी पर लेबलिंग संबंधी नियमों का उल्लंघन किया है और कंपनी को तीन दिन के भीतर आदेश की अनुपालना रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। राष्ट्रीय स्तर पर इस विवाद के पैदा होने के चलते बल्के हालात का जायजा लेने के लिए स्विटजरलैंड से यहां आए हैं।
उन्होंने बताया कि हमें लगता है कि बेबुनियाद कारणों से भ्रम पैदा हुआ और उपभोक्ताओं का भरोसा डगमगा गया। सीईओ ने कहा कि हम दुनिया में जो गुणवत्ता मानक और विधियां अपनाते हैं, भारत में भी उन्हीं को अपनाया गया। हमारी जांच में पाया गया है कि मैगी पूरी तरह सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि कंपनी मैगी को जितना जल्द संभव हो सके, वापस लाने के प्रयासों के तहत यह पता लगाने के मकसद से भारत में प्रशासन के साथ जांच के तौर तरीकों को साक्षा कर रही है कि कैसे प्रशासन द्वारा की गयी जांच में सीसे की मात्रा निर्धारित स्तर से अधिक पायी गयी है। बल्के ने कहा, हमारा मुख्य ध्यान उपभोक्ताओं का भरोसा जीतने पर केंद्रित है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब तक यह साबित नहीं हो जाता कि मैगी नूडल्स सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं है, राज्य में इसकी बिक्री पर रोक रहेगी।
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने आज कहा कि यह सही है कि उत्पाद सुरक्षा नियमों के अनुपालन में विफल रहा है। उन्होंने साथ ही आश्वासन दिया कि खाद्य सुरक्षा के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। नड्डा ने कहा कि उनके मंत्रालय को सभी राज्यों से रिपोर्ट मिल गयी है और उनका आकलन करने के बाद यह नतीजा निकला कि मैगी की नौ वैरायटी को बाजार से हटाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि खाद्य सुरक्षा और मानकों का नेस्ले कंपनी और मैगी उत्पादों ने अनुपालन नहीं किया। इसलिए हमने निर्देश दिए हैं कि सभी नौ वैरायटी को बाजार से वापस मंगाया जाना चाहिए।
मैगी को सुरक्षित बताने संबंधी नेस्ले के सीईओ के बयान के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने हर राज्य द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट को देखा है और उसके बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं।
नडडा ने कहा कि मैं हमारे देश के लोगों को यह आश्वासन देना चाहूंगा कि जहां तक खाद्य सुरक्षा और संरक्षा की बात है, कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सभी उपाय किए जाएंगे तथा सभी स्तरों पर खाद्य सुरक्षा का अनुपालन किया जाएगा।

Updated : 5 Jun 2015 12:00 AM GMT
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