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परिवहन आयुक्त का आदेश निरस्त

लिंक उत्सव को मिली राहत, नम्बर प्लेट लगा सकेगी कम्पनी

ग्वालियर। उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ ने मै. लिंक उत्सव ऑटो सिस्टम प्रायवेट लिमिटेड को बड़ी राहत दी है। न्यायमूर्ति यू.सी. माहेश्वरी एवं न्यायमूर्ति शील नागू की युगलपीठ ने 17 अक्टूबर 2014 को परिवहन आयुक्त द्वारा कान्ट्रेक्ट निरस्त करने के आदेश को निरस्त कर दिया। इसके साथ ही परिवहन विभाग को मै. लिंक उत्सव ऑटो सिस्टम प्रायवेट लिमिटेड को पूर्व में जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के संबंध में पुनर्विचार करने एवं इस प्रक्रिया को शासन को तीन माह में पूरा करने का आदेश दिया है।
हालांकि न्यायालय ने शासन को भी निराश नहीं किया है। आदेश में लिखा है कि यदि अधिकारियों को इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद उचित लगे तो वह कान्ट्रेक्ट निरस्त करने के लिए स्वतंत्र है। इस प्रकरण में मै. लिंक उत्सव की ओर से पैरवी अभिभाषक दीक्षा मिश्रा ने और शासन की ओर से पैरवी पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह रघुवंशी ने की। मै. लिंक उत्सव ऑटो सिस्टम प्रायवेट लिमिटेड ने याचिका दायर करते हुए गुहार लगाई थी कि याचिका के अंतिम रूप से निराकृत होने तक 17 अक्टूबर 2014 को परिवहन आयुक्त द्वारा दिए गए कान्ट्रेक्ट निरस्त करने के आदेश पर रोक लगाई जाए। पूर्व की तरह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने का काम करने दिया जाए और किसी अन्य को प्लेट लगाने का ठेका न दिया जाए, साथ ही कोई भी कठोर कार्यवाही न की जाए।
इस पर न्यायालय ने कम्पनी को राहत देते हुए परिवहन आयुक्त के आदेश को निरस्त कर दिया। साथ ही याची को राहत देते हुए म.प्र. परिवहन विभाग को निर्देश दिया कि वह आदेश का पालन करने की अवधि में याची को हाई सिक्योरिटी प्लेट लगाने दे। इसके लिए न्यायालय ने परिवहन विभाग को सभी आरटीओ को सात दिन में इस आदेश की जानकारी देने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने कम्पनी को इस बात की स्वतंत्रता भी दी है कि वह विवाद को नियम व शर्तों के आधार पर निपटा भी सकते हैं।

Updated : 29 Jun 2015 12:00 AM GMT
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