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मुआवजे के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही पीडि़ता

कम फसल को देख अटैक आने से हुई थी पति की मौत, प्रशासन ने नहीं ली पीडि़ता की सुध
श्योपुर। ओलावृष्टि व अतिवृष्टि से हुए नुकसान के कारण खेतों में कम पैदावार को देखकर किसान की मौत हो गई। वहीं किसान की विधवा पत्नी फसलों के नुकसान के मुआवजे के लिए इधर उधर भटक रही है। वहीं अपने पति की मौत के बाद पांच बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठाते हुए आए दिन सहायता के लिए प्रशासन के चक्कर लगा रही है। लेकिन प्रशासन के अधिकारी महिला की परेशानी को नजर अंदाज कर रहे हैं।
हाल ही में जिले में ओलावृष्टि के चलते सैकड़ों किसानों की फसलें बर्वाद हो गई थी। प्रकृति का यह दंश कई किसानों के साथ-साथ किशोरपुरा निवासी बाबूलाल सुमन को भी झेलना पड़ा। ग्राम पंचायत सेमल्दा हवेली में बंटाई से खेती कर रहे बाबूलाल सुमन के 15 बीघा खेत में महज 4 क्विंटल गेहूं निकला। जिससे उक्त किसानों को एक गहरा सदमा लगा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पति की मौत के बाद मृतक की पत्नी आर्थिक सहायता के लिए कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगा चुकी है, लेकिन महिला को आर्थिक सहायता मिलना तो दूर की बात, उसे अभी तक संतुष्टिपूर्ण जवाब तक नहीं मिला है। जिससे महिला की आस धूमिल होती नजर आ रही है।
मृतक किसान की पत्नी नटीबाई का कहना है कि पति की मौत के बाद उनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है। वे अपने और अपने पांच बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो रही है। नटीबाई का कहना है कि वे शासन से आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए कई बार प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर लगा चुकी है, लेकिन उन्हें किसी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं मिली है।

Updated : 29 May 2015 12:00 AM GMT
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