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'मुझे भुसावल अपने पापा के पास जाना है'

यात्री को स्टेशन पर घूमती मिली बालिका

ग्वालियर। मुझे अपने पापा के पास मुम्बई जाना है, स्टेशन पर जब एक सात वर्षीय बालिका ने एक यात्री को यह बताया तो उसने तुरंत उस बालिका को पहले तो भोजन कराया और फिर जीआरपी थाना पहुंचा दिया जहां से उसे चाइल्ड लाइन भिजवा दिया गया है। जानकारी के अनुसार एक सात वर्षीय बालिका हसीना लहार में रहने वाली उसकी बुआ के घर पर रह रही थी। वह बुधवार को दोपहर के समय लहार से ग्वालियर की ओर आने वाली बस में बैठ कर यहां रोडवेज बस स्टेण्ड पहुंच गई। यहां से वह लहार निवासी ज्ञान सिंह बघेल के पीछे-पीछे रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई। यहां आकर उसने ज्ञान सिंह से कहा कि मुझे अपने पापा के पास भुसावल जाना है। आप मुझे मुम्बई वाली ट्रेन में बैठा दो। ज्ञान सिंह ने जब बच्ची से पूछताछ की तो उसने केवल इतना ही बताया कि वह बुआ के घर से भाग कर आई है और अपने पापा के पास जाना चाहती है और उसे भूख भी लगी है। ज्ञान सिंह ने हसीना को खाना खिलाया और उसके बाद जीआरपी थाना लेकर पहुंचा, जहां पुलिस को पूरी बात बताते हुए उसने हसीना को उनके सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने हसीना से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह कक्षा एक में पढ़ती है और उसके पिता का नाम बब्बर है। वह कल्याण महाराष्ट्र में रहते हैं। लेकिन वह इससे आगे कुछ भी नहीं बता सकी। हसीना के पास एक छोटा सा बैग भी था। जिसकी तलाशी ली गई , लेकिन उसमें भी पुलिस को उसके परिजनों का कोई सम्पर्क सूत्र नहीं मिला। पुलिस ने तब हसीना को चाइल्ड हेल्प लाइन के सुपुर्द कर दिया, और ज्ञान सिंह के कथन ले लिए। 

Updated : 21 May 2015 12:00 AM GMT
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