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मक्खन नहीं, पत्थर पर लकीर खींचना जानता हूंः मोदी

मक्खन नहीं, पत्थर पर लकीर खींचना जानता हूंः मोदी
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सियोल। तीन देशों की यात्रा के आखिरी दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण कोरिया पहुंच गए हैं। सियोल पहुंचने पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। मोदी ने सियोल में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। उन्होंने उन्होंने कहा कि भारत के प्रति दुनिया का नजरिया बदला है और मैं पत्थर पर लकीर खींचना जानता हूं। उन्होंने कहा कि 30 साल पहले का कोरिया अलग था। 80-90 साल पहले रवींद्रनाथ टैगोर ने देखा था कि कोरिया लैंप ऑफ ईस्ट है। यहां की जनता ने रवींद्रनाथ टैगोर की बात को सही साबित किया।
मोदी ने कहा कि सवा सौ करोड देशवासियों तक यह सोच पहुंचाना और लोगों को जोडने का काम कठिन है। मैं उनमें से नहीं, जो मक्खन पर लकीर करता है, मैं पत्थर पर लकीर करना जानता हूं। रास्ता कठिन है, लेकिन मैंने भारत की समस्याओं के समाधान का रास्ता सोच लिया है। गरीब से गरीब परिवार में शिक्षा पहुंचानी है, विकास के बिना कुछ संभव नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी विदेश नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है एक्ट ईस्ट पॉलिसी। पहले था, लुक ईस्ट पॉलिसी। अब हम देख रहे हैं कि यह भू-भाग तेज गति से आगे बढ रहा है।
मोदी ने कहा, पिछले 15 सालों में दुनिया के स्वर बदले हैं। 21वीं सदी में भारत सूर्योदय का देश है और वह विश्व में अहम भूमिका निभाएगा। पिछले एक साल में दुनिया के सिर्फ स्वर ही नहीं बदले, बल्कि नजरिया भी बदल गया। अब दुनिया को लगने लगा है कि आई (इंडिया) के बिना ब्रिक्स संभव नहीं है। पिछले दो-तीन महीनों में दुनिया की सभी फोरमों में चर्चा हुई कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढती अर्थव्यवस्था है। 21वीं सदी एशिया की सदी बनके रहेगी। कोरिया में बहुत कम भारतीय हैं, लेकिन यहां का उत्साह बताता है कि आपने जो कोरिया में देखा वह आप भारत से जोडिए।
कुछ समय पहले लोग कह रहे थे कि भारत में अब व्यापार नहीं करना है। सच्चााई यही है, लोग निराश थे, लेकिन अब वक्त बदल रहा है। बेशक, तमाम लोग विदेशों में बडी कमाई कर रहे हो, लेकिन अब लोग भारत आना चाहते हैं, भले ही कमाई कम क्यों न हो। सरकार देश नहीं होता, मोदी देश नहीं होता, सवा सौ करोड देशवासियों का जज्बा देश होता है। तमाम लोग भारत से नाता रखकर खुशी महसूस करते हैं। आपकी भारत को लेकर चिंता वहां पर (भारत में) ताकत देती है। आपको हिंदुस्तान की चिंता है। भारत ने अपनी विकास यात्रा का रास्ता चुन लिया है। समस्या हर किसी को होती है। कोरिया में समस्या नहीं है क्या! लेकिन जब देश समस्या के समाधान खोजते हैं और हिम्मत से चलते हैं, तो समस्याओं का समाधान होता है। चीन के आगे बढने का कारण भी यही था। 30 साल तक चीन की विकास दर 9-10 प्रतिशत रही, इसलिए पूरा चीन बदला।
दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में पीएम मोदी यहां के राष्ट्रपति पार्क ग्युन हाय के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर मुहर लगेगी। 19 मई को पीएम दक्षिण कोरिया से चलेंगे और भारत लौटेंगे। दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में भी पीएम मोदी का कार्यक्रम व्यस्त है। राष्ट्रपति पार्क ग्युन हाय से मुलाकात के बाद भारतीय समय के मुताबिक दोपहर 12 बजे पीएम मोदी दोनों देशों के बीच प्रतिनिधि मंडल स्तर की बातचीत के बाद एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे और अपना संबोधन भी देंगे। इसके करीब एक घंटे बाद दोनों देशों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने हैं, जिसका साझा बयान दोपहर डेढ बजे जारी किया जाएगा। इसके अलावा मोदी वहां के बिजनेस लीडरों से भी मुलाकात करेंगे।


Updated : 18 May 2015 12:00 AM GMT
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