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रंजीत सिन्हा के खिलाफ पद के दुरुपयोग की जांच हो : उच्चतम न्यायालय

रंजीत सिन्हा के खिलाफ पद के दुरुपयोग की जांच हो : उच्चतम न्यायालय
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व प्रमुख रंजीत सिन्हा के खिलाफ पद के दुरुपयोग के मामले में जांच होनी ही चाहिए। रंजीत सिन्हा ने देश के दो सबसे बड़े घोटालों (मोबाइल नेटवर्क लाइसेंसों तथा कोयला ब्लॉकों के आवंटन) में आपराधिक षडयंत्र रचने तथा भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से अपने घर पर मुलाकातें की थीं।सिन्हा पर आरोप है कि उन्होने पद पर रहते हुए न केवल कोयला घोटाले से जुड़े आरोपियों से मुलाकात की, बल्कि उनके साथ जांच से जुड़ी जानकारियां भी साझा कीं।न्यायमूर्ति एमबी लोकुर, कुरियन जोसेफ और एके सिकरी की पीठ ने इस मामले पर गत 13 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई के पूर्व निदेशक सिन्हा ने दावा किया था कि इस मामले में कोई अदृश्य हाथ है जो अधिवक्ता प्रशांत भूषण के दिमाग से नियंत्रित हो रहा है। भूषण ने ही स्वयंसेवी संस्था कामन कॉज की ओर से याचिका दायर की थी और सिन्हा पर कोयला घोटाले में जांच को प्रभावित करने का आरोप लगाया था। याचिका में सिन्हा पर कोयला घोटाले की जांच में हस्तक्षेप करने और जांच को नाकाम करने का आरोप लगाया गया था। कामन कॉज की याचिका में यह भी कहा गया था कि सिन्हा से मिलने आने वाले लोगों के रजिस्टर में जिन लोगों के नाम दर्ज हैं उसने स्पष्ट है कि वह कोयला घोटाले के रसूख वाले आरोपियों और कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़े तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय से जुड़े लोगों से मिलते रहे थे।

Updated : 14 May 2015 12:00 AM GMT
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