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भूमि अधिग्रहण विधेयक से 30 करोड़ भूमिहीनों को मिलेगा रोजगार : जेटली

भूमि अधिग्रहण विधेयक से 30 करोड़ भूमिहीनों को मिलेगा रोजगार : जेटली
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नई दिल्ली | वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पारित हो जाने के बाद औद्योगिक गलियारों में करीब 30 करोड़ भूमिहीन लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा मैं गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों का विशेष तौर पर उल्लेख करना चाहता हूं, जो भूमिहीन हैं। हम जो भूमि अधिग्रहण विधेयक ला रहे हैं, उसके मुताबिक देश में औद्योगिक गलियारे स्थापित किए जाएंगे और जो पिछड़े हैं, 30 करोड़ भूमिहीन लोगों को रोजगार के मौके मिलेंगे।
जेटली ने 20,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री माइक्रो यूनिटस डेवलपमेंट रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) योजना शुरू करने के मौके पर कहा कि लोगों को रोजगार मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकता है और इस दिशा में पहल की जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह संस्थान देश की उस आबादी को कर्ज सुविधा पहुंचाने की कोशिश है जिन्हें अब तक यह सुविधा नहीं मिल पाई है।
देश भर में 5.77 करोड़ सूक्ष्म एवं लघु उद्यमी हैं जिनकी संस्थागत ऋण तक पहुंच नहीं है। जेटली ने कहा कि देश की करीब 20 प्रतिशत आबादी इन सूक्ष्म तथा लघु उद्यमियों पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि बजट में घोषणा होने के पांच सप्ताह के भीतर यह संस्थान बनाया गया है और मुद्रा बैंक पुनर्वित्त सूक्ष्म वित्त संस्थान (एमएफआई) के तौर पर काम करेगी। इसे सिडबी के माध्यम से शुरू किया जा रहा है बाद में यह अलग गैर-बैंकिंग वित्त संस्थाना के तौर पर काम करेगा।
जेटली ने कहा कि भविष्य में यह एनबीएफसी एक अन्य विकास बैंक का रूप लेगा। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में 20,000 करोड़ रुपये की मूल पूंजी और 3,000 करोड़ रुपये के ऋण गारंटी कोष के साथ सूक्ष्म उद्यमियों के लिये मुद्रा योजना का प्रस्ताव किया है। मुद्रा की जो भूमिका तय की गई है, उसमें सूक्ष्म उपक्रम वित्तपोषण कारोबार के लिए नीति संबंधी दिशानिर्देश तैयार करना और यह लघु वित्त संस्थानों का पंजीकरण भी करेगा तथा उन्हें मान्यता देने के साथ साथ उनकी रेटिंग भी तय करेगा।
मुद्रा योजना के तहत शुरुआती उत्पाद एवं योजनाएं तैयार हो चुकी हैं। पहली योजना को शिशु नाम दिया गया है जिसमें सूक्ष्म उद्यमियों को 50 हजार रुपये तक का कर्ज दिया जायेगा, दूसरी योजना को किशोर नाम दिया गया है जिसमें पांच लाख रुपये तक का कर्ज दिया जायेगा और तीसरी योजना का नाम तरण रखा गया है जिसमें दस लाख रपये तक कर्ज उपलब्ध कराया जायेगा।

Updated : 8 April 2015 12:00 AM GMT
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